Bet Ke Bojh । बेटी के बोझ। कहानी हिंदी में।
गांव के बाहर हम अपने दोस्तों के साथ ठंड से बचने के लिए सूखी हुई लकड़ियों को बिन कर जला रहे थे । पूस की महीना होने के कारण कनकनी भी काफी बढ़ चुका था । यदि हाथ गर्म करते तो ठंड से पैर सुन हो जा रहे थे । ठंड इतनी की अगर कोई […]