सिया ने अर्जुन के साथ बैठकर अपने अतीत की सारी कहानी साझा करने का फैसला किया। वह जानती थी कि अब और कुछ छिपाना उनके बीच के भरोसे को नुकसान पहुंचा सकता है। उस शाम, जब आरव सो रहा था और घर का माहौल शांत था, सिया ने अर्जुन को बात करने के लिए बुलाया।
“अर्जुन, मैं आपको अपने अतीत के बारे में सब कुछ बताना चाहती हूं। मैं अब और नहीं चाहती कि मेरे कारण आपका या आरव का जीवन प्रभावित हो,” सिया ने धीमे लेकिन दृढ़ स्वर में कहा।
अर्जुन ने गंभीरता से सिर हिलाया और उसे बोलने का संकेत दिया।
“दो साल पहले, जब मैं मुंबई आई थी, तो रोहन मेरी जिंदगी का हिस्सा बना। वह एक प्रोड्यूसर था और उसने मुझे बड़े सपने दिखाए। उसने मुझे भरोसा दिलाया कि वह मुझे इंडस्ट्री में लॉन्च करेगा। शुरू में सब कुछ अच्छा लगा, लेकिन धीरे-धीरे उसकी सच्चाई सामने आने लगी।
वह मुझे सिर्फ एक मोहरे की तरह इस्तेमाल करना चाहता था। उसने मुझसे मेरे आत्मसम्मान और सपनों की कीमत पर समझौता करने को कहा। मैंने मना किया, और इसी बात ने उसे मेरे खिलाफ कर दिया। उसने मेरे करियर को बर्बाद करने की हर कोशिश की। यहां तक कि इंडस्ट्री में मेरे बारे में झूठी बातें फैलाने में भी पीछे नहीं हटा।
आखिरकार, मैंने उससे रिश्ता तोड़ लिया और खुद को उससे दूर कर लिया। लेकिन वह आज भी मेरा पीछा कर रहा है। अब वह सिर्फ मुझे परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि मेरा सब कुछ खत्म करने के लिए मेरे जीवन में वापस आया है।”
सिया की आंखों में आंसू थे, लेकिन उसकी आवाज में मजबूती थी। उसने अर्जुन की आंखों में देखा, मानो उसके फैसले की उम्मीद कर रही हो।
अर्जुन ने गहरी सांस ली। “तुमने जो सहा है, वह किसी के लिए भी आसान नहीं है। लेकिन तुम्हारी हिम्मत काबिले तारीफ है। मुझे अफसोस है कि मैंने तुम पर शक किया। अब मैं जानता हूं कि तुम कितनी मजबूत हो।”
यह पहली बार था जब सिया ने महसूस किया कि अर्जुन ने उसे पूरी तरह समझा और स्वीकार किया।
अगले दिन, अर्जुन ने अपने परिवार के सामने सिया का बचाव करने का फैसला किया। सुबह के नाश्ते पर, जब पूरा परिवार इकट्ठा था, अर्जुन ने बातचीत शुरू की।
“पापा, तन्वी, मुझे आपसे कुछ कहना है। सिया को लेकर जो भी अफवाहें हैं, वे झूठी हैं। मैं जानता हूं कि आप सब उससे खुश नहीं हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि आप उसके संघर्ष को समझें। उसने सिर्फ आरव के लिए नहीं, हमारे लिए भी बहुत कुछ किया है।”
रामनाथ ने गहरी नजरों से अर्जुन को देखा। “तो अब तुम हमें समझाओगे कि हमारे परिवार के लिए क्या सही है?”
“पापा, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि सिया पर भरोसा करना जरूरी है। मैंने उसकी कहानी सुनी है, और मैं जानता हूं कि वह इस घर और आरव के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। अगर आप उसे अपना नहीं सकते, तो कम से कम उसका सम्मान कीजिए,” अर्जुन ने शांत लेकिन दृढ़ स्वर में कहा।
तन्वी ने बीच में कहा, “लेकिन भैया, क्या आपको नहीं लगता कि यह सब हमारे परिवार की प्रतिष्ठा पर असर डाल सकता है?”
“प्रतिष्ठा रिश्तों से ऊपर नहीं हो सकती, तन्वी। और यह परिवार तब तक मजबूत नहीं हो सकता जब तक हम हर किसी को अपना स्थान और सम्मान न दें,” अर्जुन ने जवाब दिया।
रामनाथ चुप रहे। अर्जुन के शब्दों ने उनके मन में हलचल जरूर पैदा की थी, लेकिन वह अभी पूरी तरह सहमत नहीं हो पाए थे।
उसी शाम, अर्जुन ने रोहन से निपटने की योजना बनाई। उसने अपने कानूनी सलाहकारों से रोहन के खिलाफ एक मजबूत मामला तैयार करने को कहा।
सिया, जो इस सब से अनजान थी, आरव के साथ गार्डन में समय बिता रही थी। उसने महसूस किया कि आरव अब पहले से ज्यादा खुश और आत्मविश्वास से भरपूर है। वह जानती थी कि वह सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
लेकिन उसके मन में अर्जुन के परिवार को लेकर चिंता बनी हुई थी। क्या वह कभी उन्हें खुद को साबित कर पाएगी?
कुछ ही दिनों बाद, अर्जुन ने रोहन को एक सख्त कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें उसे सिया को परेशान करना बंद करने की चेतावनी दी गई थी। रोहन ने इसे हल्के में लिया, लेकिन अर्जुन ने साफ कर दिया कि वह अब पीछे नहीं हटेगा।
“तुमने बहुत चालाकियां कर लीं, रोहन। अब तुम्हें तुम्हारे कर्मों का जवाब देना होगा,” अर्जुन ने फोन पर रोहन से कहा।
रोहन ने गुस्से में फोन काट दिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि अब वह सिया और अर्जुन की ताकत को कम आंकने की गलती नहीं करेगा।
इस बीच, सिया ने अर्जुन के परिवार को अपना समर्थन जीतने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखीं। उसने रामनाथ और तन्वी के साथ खुलकर बातचीत की। उसने उन्हें समझाया कि वह उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि आरव की खुशी के लिए यहां है।
“मैं यहां सिर्फ एक देखभाल करने वाली के रूप में नहीं हूं। मैं आरव के लिए वही करना चाहती हूं जो एक परिवार करता है। अगर आप मुझे इस परिवार का हिस्सा नहीं मानते, तो मैं खुद को अलग कर लूंगी। लेकिन मैं आरव को कभी दुखी नहीं देख सकती,” सिया ने साफ शब्दों में कहा।
उसकी सच्चाई और साहस ने तन्वी को सोचने पर मजबूर कर दिया। रामनाथ ने भी महसूस किया कि सिया का इरादा नेक है।
अर्जुन ने सिया की ओर देखा और महसूस किया कि वह न केवल आरव के लिए बल्कि उनके परिवार के लिए भी कितनी महत्वपूर्ण बन चुकी थी।
क्या अर्जुन के परिवार की कठोरता पिघलेगी? और क्या रोहन की साजिशें आखिरकार खत्म होंगी? कहानी एक निर्णायक मोड़ पर थी, लेकिन सिया और अर्जुन के रिश्ते ने एक नई मजबूती हासिल कर ली थी।



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