The Hidden Past। Ep- 06। Suspense & Thriller Story In Hindi

Author - Avinash Kumar

“नहीं, सर। हमने सारे सबूत नष्ट कर दिए हैं। कोई हमें पकड़ नहीं सकता,” एक और आदमी ने जवाब दिया।

ये सुनकर आरव का दिल तेजी से धड़कने लगा। यह क्लियर था कि वे उसके माता-पिता के बारे में बात कर रहे थे।

डॉ. शेखर ने आगे कहा, “लेकिन वह लड़का…वो लड़का तो हाथ धोकर पीछे पड़ा है उसे क्या करना है?”

डॉ. शेखर के सामने बैठा एक दूसरे व्यक्ति ने कहा, “अरे करना क्या है डॉक्टर साहब! उसे भी अंदर कर देंगे फिर देखेंगे वह क्या करेगा।”

यह सुनकर आरव की सांसें थम गईं। 

“अब वापस जाओ, आरव। तुम्हें यहाँ से बच कर निकलना होगा। यह तुम्हारे खिलाफ है साजिश कर रहे हैं।” आरव के कानों में यह आवाज अचानक से सुनाई दिया।

आरव ने बिना वक्त गवाएं वहां से निकलने का प्रयास किया। लेकिन तभी एक गार्ड ने उसे देख लिया।

“रुको!” गार्ड चिल्लाया।

आरव ने तुरंत अंधेरे का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की। कुछ गोलियां हवा में गूंजीं, लेकिन वह बच निकलने में सफल रहा।

सुधीर के पास पहुंचने के बाद, आरव ने उसे डॉ.  की बातचीत के बारे में बताया। उसके बाद आरव सुधीर को लेकर अपने घर आ गया। सुधीर ने अपने बैग से कुछ डाक्यूमेंट्स निकाल कर आरव के सामने रखकर कहा, “यह देखो, डॉ. शेखर की एक पुरानी फ़ोटो, इसमें तुम्हारे पेरेंट्स के साथ यह डॉक्टर शेखर भी दिख रहा है जरूर शुरुआत में इन दोनों के दोस्ती होगी और फिर बाद में दुश्मनी हुई होगी जिसके बाद डॉक्टर शेखर ने तुम्हारे पेरेंट्स के मर्डर कर दिया होगा ।”

आरव उस फोटो को बहुत ही ध्यान से देख रहा था। उस फोटो में उसके पेरेंट्स काफी खुश नजर आ रहे थे।

अगली सुबह, जब आरव स्टेशन पहुंचा, तो इंस्पेक्टर विक्रम ने उसे बुलाया।
“आरव, यह तुम्हारे लिए बड़ी जिम्मेदारी है। इस सिटी में एक सीरियल किलर एक्टिव हुआ है। उस सीरियल किलर ने दिल्ली के कई जगहों पर लोगों की हत्या की है और उन सभी हत्याएं एक ही पैटर्न में की गई है।”

आरव ने फाइल ली और जल्दी से उसे पढ़ना शुरू किया।
“तीन हत्याएं। हर बार शिकार का शरीर पार्क में पाया गया, और हर हत्या के बाद एक अजीब निशान छोड़ा गया—जैसे किसी Religious observances का हिस्सा हो।”

“क्या हमारे पास कोई Suspicious है?” आरव ने पूछा।
“अभी तक नहीं। लेकिन हमें जल्दी काम करना होगा। मीडिया पहले ही दबाव बना रही है।”

उसके बाद आरव इंस्पेक्टर विक्रम से उस फाइल को लेकर अपने घर वापस आ गया । उस रात, जब आरव अपने अपार्टमेंट में अकेला बैठा फाइल पढ़ रहा था, तो वह परिचित आवाज़ फिर से सुनाई पड़ी।

“आरव, इस मैटर में तुम्हें सतर्क रहना होगा। यह सिर्फ हत्याओं का मामला नहीं है। इसमें कुछ मिस्टीरियस है।”

“और यह तुम्हें कैसे पता है?” आरव ने झुंझलाते हुए पूछा।

“मैंने कहा था, यह सिर्फ तुम्हारे माता-पिता के मामले तक सीमित नहीं है। यह कड़ी उससे जुड़ी हो सकती है। और मैं यक़ीनन कह सकता हूं कि इसमें भी डॉक्टर शेखर का ही हाथ है। तुमने उस दिन फार्म हाउस में नहीं देखा था उसने कैसे लोगों को रास्ते से हटाने की बात कर रहे थे।” यह आवाज जैसे ही आरव के कानों में पड़ी उसके दिमाग की बत्ती फिर जली और फिर उसे लगा कि इन हत्याओं के पीछे डॉक्टर शेखर का ही हाथ है।

अगले दिन जब आरव और उसकी टीम ने उन तीन स्थानों का दौरा किया जहां हत्याएं हुई थीं। हर जगह एक समान पैटर्न था—शरीर एक खास मुद्रा में पड़ा था, और उसके आसपास जमीन पर अजीब आकृतियां बनी हुई थीं। जो एक विशेष रिलिजन के थे।

“यह आदमी सिर्फ हत्या नहीं कर रहा है। यह कुछ संदेश देने की कोशिश कर रहा है,” आरव ने कहा।
“लेकिन क्या?” टीम के एक सदस्य ने पूछा।

एक लोकल एक्सपर्ट की मदद से, उन्होंने पाया कि ये चिन्ह जो लाश के पास बनी है। वो  विशेष धर्म  के धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़े थे।

जांच के दौरान, आरव ने पुराने आपराधिक रिकॉर्ड खंगाले। उसे पता चला कि 10 साल पहले भी इसी तरह के कई लोगों की हत्या की गई थी हालांकि उस वक्त भी मर्डरर के बारे में किसी को पता नहीं चल पाया था । 

और उस वक्त जो लोग इस केस को जांच कर रहे थे। उनमें से अधिकांश ऑफिसर अचानक से मिसिंग हो गए थे। इसके बाद इस केस को हमेशा के लिए क्लोज कर दिया गया था । 

अगले दिन आरव ने अपने सीनियर ऑफिसर विक्रम से  इस बारे में बात की, लेकिन उन्होंने इसे इग्नोर कर दिया।
“यह पुरानी बातें हैं, आरव। तुम अपने नए मामले पर ध्यान दो” 

लेकिन आरव जानता था कि यह केस इग्नोर करने लायक नहीं है। और उसे यह भी अच्छी तरह से पता था कि विक्रम सिंह इतने बेवकूफ ऑफिसर नहीं है कि इतनी बड़ी बात को वह नजरअंदाज कर देंगे इसलिए उसके मन में कुछ शक होने लगा। उसने खुद से मन ही मन ही मन कहा, “विक्रम सर ऐसा विहेव क्यों कर रहे हैं? क्या वह इन लोगों के मर्डर करने वाले को बचाने की कोशिश कर रहे हैं या फिर उनके पास किसी तरह की मजबूरी है”

इतना सोचने के बाद आरव ने विक्रम से कहा, “ सर मुझे साफ-साफ दिख रही है कि आज से 5 साल पहले जो भी मर्डर हुए थे और इन तीनों का मर्डर करने का पैटर्न एक ही हैं, इसलिए मुझे लगता है इन सभी हत्याएं के पीछे किसी एक ही आदमी का हाथ है।”

आरव की बात सुनकर विक्रम सिंह ने उसे घूरते हुए देखा और गुस्से में कहा, “आरव, जितना कहा जाए उतना करो। तुम्हें अभी इस केस पर काम करनी है ना कि जो केस 5 साल पहले क्लोज हो गए हैं उस पर।” 

विक्रम को गुस्से में देखकर आरव बिना कोई जवाब दिए वहां से निकल गया। वापस शाम में घर आकर उसने रेस्टोरेंट से खाना मंगाया और खाकर सो गया।

Morning – Next Day 

सुबह-सुबह पुलिस की एक गाड़ी एक बड़ी सी बिल्डिंग के सामने आकर रुकी। उसके आसपास काफी लोग जमा हो रखे थे। 

पुलिस वहां पहुंचते ही लोगों से कहा, “प्लीज आप लोग यहां से साइड हो जाइए और मुझे बताइए पुलिस को कॉल किसने किया था।”

इंस्पेक्टर कामत की बात सुनकर सभी लोग साइड हो गए और उसी भीड़ में से एक यंग आदमी पास आकर कहा, “ सर, मेरा नाम नीरज है। मैंने ही आपको कॉल किया था। मैं इस बिल्डिंग के अंतिम यानी 6th फ्लोर पर रहता हूं और मेरे नीचे 5th फ्लोर पर एक आदमी रहता है, उसका नाम आरव है उसकी कमरे के दरवाजे से खून निकल रहा है।”

नीरज की बात सुनकर पुलिस वालों की कान खड़े हो गए वो लोग तेजी से 5th फ्लोर पर भागे।

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