The Hidden Past। Ep- 07। Suspense & Thriller Story In Hindi

Author - Avinash Kumar

आरव के घर का दरवाजा बंद था, दरवाजे के नीचे से खून बह रहे थे। पुलिस वालों ने दरवाजे को नॉक कर खुलवाने की कोशिश की मगर दरवाजा किसी ने नहीं खोला तब पुलिस ने दरवाजे को लात मार कर तोड़ दिया और घर के अंदर इंटर किया।

दरवाजे से थोड़ी दूर पर ही डॉक्टर शेखर के लाश पड़ी थी। उसे किसी नुकीली चीज से कई बार घोंप-घोंप कर हत्या किया गया था और वहीं पर बैठा आरव साइको जैसा मुस्कुरा रहा था। आरव को देखते हैं पुलिस ने उसे पकड़ लिया। 

इंस्पेक्टर कीरत ने पुलिस वालों से कहा, “गिरफ्तार कर लो इसे और फॉरेंसिक टीम को भी बुला लो।”

कुछ ही देर बाद वहां फॉरेंसिक टीम के लोग भी आ गए थे और वहां से सबूत इकट्ठे कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था।

उसके बाद इंस्पेक्टर उस बिल्डिंग से बाहर आकर आसपास में खड़े लोगों से बात करने लगा। इंस्पेक्टर कीरत ने एक यंग लड़के को पास बुलाकर कहा, “ आरव यहाँ इस बिल्डिंग में कब से रह रहा है और आप लोगों को कभी उस पर शक हुआ था कि वह इस तरह की चीज कर सकता है या उसके बिहेवियर को लेकर आप लोगों ने कभी कुछ नोटिस किया है?”

इंस्पेक्टर कीरत की बात सुनकर उस लड़के ने पहले हिचकिचाया क्योंकि वह इस तरह के कानूनी लफड़ो में नहीं पड़ना चाहता था लेकिन फिर कुछ देर के बाद उसने जवाब दिया, “ सर, आरव यहां पिछले 5 सालों से रह रहा है लेकिन हम लोगों ने ऐसा तो कभी कुछ नोटिस नहीं किया  है जिससे लगे की वो इस तरह के हरकत कर सकता है। लेकिन हां वह कम लोगों से मिलता है और अधिकतर समय अपने घर पर ही होता था।

उसका किसी से मिलना जुलना भी नहीं होता था उसके यहां सिर्फ खाना बनाने के लिए एक मेड आती थी और हर वीक ये डॉक्टर साहब उसके इलाज के लिए आते थे।”

इंस्पेक्टर कीरत ने खुद से बडबडाते हुए कहा, “ मेड और डॉक्टर!”

इसके बाद इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ पुलिस स्टेशन आ गया और कुछ ही देर बाद पुलिस वालों ने आरव की मेड और डॉक्टर शेखर के हॉस्पिटल से उसके जूनियर डॉक्टर को थाने में बुला लिया गया था।

जूनियर डॉक्टर को बाहर wait करने के लिए बोला गया था जबकि इंस्पेक्टर कीरत मेड से बातचीत कर रहा था।

“जी, हमरा नाम पुष्पा है और हम आरव  साहेब के यहां पिछले तीन सालों से खाना बना रही हूं।” पुष्पा ने जवाब दिया।

“उसका बिहेवियर कैसा था, क्या वह गुस्सैल था ? या फिर कभी  उस पर शक हुआ है कि वह इतना बड़ा स्टेप ले सकता था”

इंस्पेक्टर कीरत की बात सुनकर पुष्पा ने जवाब दिया, “ नहीं साहेब! मैं तो कभी नहीं मान सकती कि आरव साहेब ने किसी का मर्डर की है। वह बहुत सीधे साधे हैं और वह ज्यादातर किसी से बात भी नहीं करते थे। वह बस अपने कमरे में बैठे रहते थे और खिड़की से बाहर देखते रहते थे।”

पुष्पा से कुछ देर और पूछताछ करने के बाद उसे छोड़ दिया गया और अब इंस्पेक्टर कीरत डॉक्टर शेखर के जूनियर डॉक्टर,  डॉ. राजेश वर्मा के साथ बैठे थे।

डॉ. राजेश कुछ डॉक्यूमेंट्स और प्रिसक्रिप्शन इंस्पेक्टर के सामने रखते हुए कहा, “सर यह कुछ आरव के डॉक्यूमेंट और प्रिस्क्रिप्शन है। डॉ. शेखर सर, आरव के पिछले कई सालों से इलाज कर रहे थे और सर पर्सनली उनके फैमिली को जानते थे। यहां तक की आरव के पिताजी और डॉक्टर साहब के बीच अच्छी दोस्ती थी।”

इंस्पेक्टर साहब ने हैरान होकर कहा, “ कई वर्षों से इलाज! ऐसी कौन सी बीमारी है जिसका इलाज कई वर्षों से चल रहा था?”

डॉ राजेश ने गहरी सांस ली और फिर कहा, “सर, आरव को ‘सिज़ोफ़्रेनिया’ है। यह एक साइकोलॉजिकल बीमारी है। इस बीमारी में मरीज को अजीब अजीब आवाज सुनाई देती है और वह खुद को अजीब तरह के इमेजिनेशन दुनिया में बनाए रखता है। और कभी-कभी तो यह बीमारी इतनी गंभीर हो जाती है की आवाज ही मरीज़ को करने लगती है जिसकी वजह से वह कभी खुद खतरे में पड़ जाते हैं तो कभी सामने वाले को खतरे में डाल देते हैं। और …..”

डॉ. राजेश अपनी बात पूरी करते, उससे पहले ही एक पुलिस वाले ने आकर कहा , “सर आरव लॉकअप में चिल्ला रहा है। वह बार-बार कह रहा है कि उसे अपने सीनियर इंस्पेक्टर विक्रांत से मिलना है।”

उस पुलिस वाले की बात सुनकर इंस्पेक्टर कीरत हैरान होकर कहा, “ इंस्पेक्टर विक्रांत! यह कौन है ? और अपने सीनियर से मिलना है इसका क्या मतलब?”

“सर, वह कह रहा है कि वह इंस्पेक्टर है और उसे अपने सीनियर इंस्पेक्टर विक्रांत सिंह से मिलना है।” उस पुलिस वाले ने कहा।

डॉ राजेश वर्मा के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई और फिर कुछ ही देर बाद वह गंभीर होकर बोले, “सर, मैंने कहा था ना वह एक इमेजिनेशन दुनियां में रहता है और शायद वह इस इमेजिनेशन दुनिया में खुद को पुलिस वाले मान रखा हो और विक्रांत नाम के व्यक्ति को सीनियर मान रखा हो।” 

इंस्पेक्टर कीरत गंभीर होते हुए कहा, “ अच्छा! ऐसी बात है। मतलब ऐसी भी बीमारी होती है?”

इसके बाद इंस्पेक्टर कीरत ने डॉ। राजेश वर्मा से कुछ और बातचीत की उसके बाद उनसे उन डॉक्यूमेंट का जेरोक्स कॉपी लेकर उन्हें छोड़ दिया। और फिर वह इंटेरोगेशन रूम में आकर आरव से पूछताछ करने लगे, “ तुम्हारा नाम क्या है?”

आरव अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा, “ आप बहुत अजीब आदमी हैं इंस्पेक्टर साहब, एक इंस्पेक्टर को नहीं पहचानते ! मेरा नाम आरव है ,  इंस्पेक्टर आरव शर्मा।”

आरव की बात सुनकर कीरत के चेहरे पर भी मुस्कान आ गयी फिर कुछ सेकंड बाद उसने गंभीर होकर कहा, “अच्छा फिर किस पुलिस स्टेशन में तुम्हारी पोस्टिंग है?”

“ करोल बाग पुलिस स्टेशन दिल्ली।”

आरव की बात सुनकर इंस्पेक्टर कीरत में हंसते हुए कहा, “ अच्छा जी! तब तो तुम इस पुलिस स्टेशन में आते-जाते रहे होगे और यहां की हर जगह से तुम परिचित होंगे। है ना?”

आरव ने इंस्पेक्टर को घूरते हुए कहा, “ और वह भला क्यों ? मैं क्यों इस जगह को पहचानूँगा?”

“क्योंकि तुम अभी करोल बाग पुलिस स्टेशन ,दिल्ली में ही हो।” इंस्पेक्टर कीरत ने कहा।

The Hidden Past। Ep- 08। Suspense & Thriller Story In Hindi

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