The Hidden Past। Ep- 09। Suspense Story In Hindi

Author - Avinash Kumar

आरव आवाज़ सुनकर कुछ सोचने लगा और फिर खुद से बड़बड़ाया, “नहीं, मैं इस तरह नहीं मरना चाहता। मुझे कुछ करना होगा।”  

उधर दूसरी तरफ अर्जुन आरव के घर से मिली पेंटिग को लेकर इंस्पेक्टर कीरत के पास आ चुका था। जब उस पेंटिंग को कीरत ने देखा तो उस पेंटिंग में उसे कोई खास बात नजर नहीं आई। इसलिए उस पेंटिंग को  वापस आरव के घर रिटर्न रखवा दिया।

पुलिस ने इस मर्डर की खबर को मीडिया में आने से रोकने के लिए काफी कोशिश की थी क्योंकि उन्हें पता था डॉक्टर शेखर दिल्ली के बहुत बड़े और जाने माने डॉक्टर थे अगर यह खबर मीडिया में आती तो पुलिस वालों को लानत मिलने वाली थी लेकिन किसी भी तरह करके मर्डर के 3 दिन बाद यह खबर मीडिया को लग गई थी। देश के सभी चैनलों पर डॉक्टर शेखर के ही खबर दिखाई जा रही थी।

“दिल्ली के सबसे फेमस साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर शेखर को उसके ही पेशेंट द्वारा हत्या कर दी गई है। मामला क्या है अभी तक सामने नहीं आई है और इस मामले में पुलिस कुछ भी बताने से कतरा रही है…. बने रहिए हमारे साथ, हम आपको देते रहेंगे इस मर्डर से रिलेटेड अपडेट।”  एक न्यूज़ एंकर नेशनल टीवी पर डॉक्टर शेखर के फाइल फोटो दिखाते हुए ये बोली जा रही थी।

तीन दिनों बाद ही इन्वेस्टिगेट कर आरव पर  डॉ. शेखर के मर्डर का FIR फ़ाइल कर उसे कोर्ट में पेश किया गया। सबसे पहले कटघरे में गवाह के तौर पर डॉक्टर शेखर के जूनियर डॉक्टर रीमा को बुलाया गया। 

कोर्ट रूम में गहमागहमी का माहौल था। मीडिया, वकील, और गवाहों की भीड़ के बीच जज ने अपनी गहरी आवाज में कहा, “गवाह को कटघरे में बुलाया जाए।”
डॉ. रीमा, जो डॉक्टर शेखर की सहयोगी थीं, गवाही देने के लिए खड़ी हुईं। उनके चेहरे पर seriousness और हल्की घबराहट साफ झलक रही थी।

सरकारी वकील ने सवाल शुरू किया, “डॉ. रीमा, क्या आप बता सकती हैं कि डॉक्टर शेखर और आरव के बीच किस तरह का रिश्ता था? डॉ. शेखर , आरव को कैसे जानते थे?”

रीमा ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “सर, आरव हमारे अस्पताल का regular पेशेंट था। वह मानसिक रूप से unhealthy था, उसे सिज़ोफ्रेनिया नामक बीमारी थी। इसके कारण वह अक्सर Imaginary आवाजें सुनता था और Confusion की स्थिति में रहता था। डॉक्टर शेखर उसे ठीक करने की कोशिश कर रहे थे।”

आरव, जो कटघरे में खड़ा था, यह सुनकर गुस्से में बोल पड़ा, “यह झूठ है! मैं बीमार नहीं हूं। मैं एक पुलिस ऑफिसर हूं, और मैंने मर्डर सिर्फ सेल्फ-डिफेंस में किया है । डॉक्टर शेखर एक क्रिमिनल थे। वो मुझे मारने आए थे। मैंने अपनी जान बचाई है।”

जज ने आरव की ओर देखा और शांत आवाज़ में पूछा, “क्या तुम्हारे पास इसका कोई सबूत है?”
आरव ने तेज आवाज में कहा, “मेरे पास सबूत नहीं है, लेकिन मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ। डॉक्टर शेखर एक क्रिमनल थे , उनका असली चेहरा सबके सामने आना चाहिए।”

सरकारी वकील ने रीमा से पूछा, “क्या आपके पास इस बात का कोई सबूत है कि आरव मानसिक रूप से बीमार है?”


रीमा ने अपनी फाइल से कुछ डॉक्यूमेंट निकाले और कहा, “यह डॉक्यूमेंट्स अस्पताल के हैं, जो यह साबित करते हैं कि आरव को सिज़ोफ्रेनिया था। यहां उसकी मेडिकल रिपोर्ट और डॉक्टर शेखर के नोट्स हैं, जो दिखाते हैं कि आरव अक्सर भ्रम में रहता था और उसे डायरेक्शन वाली आवाजें सुनाई देती थीं।”

वकील ने रिपोर्ट को जज के सामने पेश किया। जज ने रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा, “डॉक्यूमेंट्स में साफ लिखा है कि आरव का इलाज चल रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, उसे अपनी Fantasies and reality के बीच फर्क समझने में दिक्कत होती थी। डॉ. रीमा जी, आप इस बीमारी के बारे में और डिटेल्स में बता पाएंगी ?”

जज साहब की बात सुनकर डॉ. रीमा आगे बताने लगी, “ सर, सिज़ोफ्रेनिया  एक मानसिक बीमारी है। इस बीमारी में पेशेंट अपने लिए खुद से एक इमेजनरी दुनियाँ क्रिएट कर लेता है, और उस दुनिया में  खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखता है जो एक अच्छा इंसान हो और दुनियां में हो रही बुराई को दूर करता हो। और उस इमेजनरी दुनियां में गाइड करने के लिए उसे आवाज़ सुनाई देती है जो आवाज़ नहीं बल्कि पेशेंट का सोच होता है और उसे सोचते हुए ऐसा लगता है जैसे उसे कान में आकर कोई इस तरह गाइड कर रहा है। इस तरह की बीमारी में पेशेंट खुद को एक अच्छा इन्शान समझता है और दुसरे को पौराणिक कहानियों वाला राक्षस या फिर क्रिमिनल। ” 

आरव यह सुनकर जोर से चिल्लाया, “यह सब झूठ है! मैं बीमार नहीं हूं। यह सब एक साजिश है। डॉक्टर शेखर क्रिमिनल थे और मुझे मारने की प्लानिंग कर रहे थे।”

जज ने आरव को शांत करने के लिए आर्डर दिया, लेकिन आरव लगातार खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश करता रहा।

इस बीच, वकील ने रीमा से पूछा, “क्या आपको पता है कि मर्डर वाले दिन डॉ. शेखर के साथ  क्या हुआ था?”

रीमा ने कहा, “मैं वहां मौजूद नहीं थी, लेकिन जो रिपोर्ट मैंने देखी और जो सबूत मिले हैं, उससे लगता है कि आरव ने अपनी मानसिक स्थिति के कारण यह कदम उठाया है । और उसने इमेजनरी आवाज़ की बात मानकर डॉ. शेखर को चाकू मार कर हत्या कर दिया। डॉक्टर शेखर ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। वह बहुत ही शांत और नेक इंसान थे।”

तभी सरकारी वकील ने जज से कहा, “माई लॉर्ड, मुझे लगता है कि यह केस आरव की मानसिक स्थिति का नतीजा है। वह सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित है और भ्रमित होकर यह अपराध कर बैठा है।”

लेकिन आरव ने जोर देकर कहा, “मैं अपराधी नहीं हूं। अगर आप मेरी बात नहीं मानेंगे, तो आप एक निर्दोष इंसान को सजा देंगे। मैं एक पुलिस ऑफिसर हूं, और मैंने वही किया जो एक ऑफिसर को करना चाहिए था।”

कोर्ट रूम में सन्नाटा था। जज ने कहा, “यह केस सिर्फ मर्डर का नहीं है, बल्कि एक इंसान की Mental state का भी है। हमें यह ensure करना होगा कि सच सामने आए।”

रीमा ने कहा, “सर, मैं यह भी जोड़ना चाहूंगी कि आरव के व्यवहार में यह बदलाव हाल के महीनों से नहीं है बल्कि बचपन से है। आरव के मॉम -डैड इस बात को लेकर परेशान रहते थे और आज से 7-8 साल पहले उनके डैड ही हॉस्पिटल लेकर आये थे। पहले से ही उसके दिमाग में कई काल्पनिक कहानियां बनती रहती थीं, और वह खुद को अक्सर पुलिस ऑफिसर समझता था।”

सरकारी वकील ने कोर्ट से गुजारिश की, “माई लॉर्ड, मेरी राय है कि आरव का मानसिक परीक्षण होना चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वह इस अपराध के लिए कितना जिम्मेदार है।”

जज ने कुछ देर सोचने के बाद फैसला सुनाया, “आरव को न्यायिक हिरासत में मानसिक परीक्षण के लिए भेजा जाए। यह परीक्षण सुनिश्चित करेगा कि वह अपने Mental balance में है या नहीं।”

आरव ने गुस्से से कहा, “मैं कहीं नहीं जाऊंगा! मैं निर्दोष हूं। यह सब एक जाल है।”

कोर्ट ने आरव को हिरासत में लेने का आदेश दिया। पुलिस उसे बाहर ले जा रही थी, तभी उसने फिर से बड़बड़ाना शुरू किया, “बस्टर्ड! तुम सब झूठे हो। मैं सबको सबक सिखाऊंगा।”

The Hidden Past। Ep- 10। Suspense Story In Hindi ( सीजन - 01 का फाइनल एपिसोड)

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