Author - Avinash Kumar
लोग गले मिल रहे थे , शायद ईद रहा होगा । हर तरफ खुशी की महौल थी । लोग एक दूसरे के गले मे गले डालकर अलाह से फ़रयाद कर रहें थे।
तभी वो एक काले रंग के लिवास में आई और मेरे हाथों को पकड़ कर गले से लिपट गयी , और हल्की से आवाज में बोली, “ईद मुबारक “
मैने भी उसे कहा, “ईद मुबारक ।”
और उसे गले में जकड़ लिया । सभी लोग मूझे देख रहे थे क्योंकि मैं बिना सफेद टोपी में था । जिससे लोगों को साफ दिख रहा था कि मैं हिन्दू हूँ या नही , लेकिन इतना जरूर था की ये मुस्लिम नही है।
लेकिन उसने लोगो के बिना परवाह किये उसने अपने दोस्तों से मिलायी और साथ मे सेवइयाँ भी खिलायी ।
ये बात तब की है जब मै लगभग 8-9 वर्ष के रहा होगा।
हम दोनों में दोस्ती इतनी थी कि अगर मैं स्कूल नही जाता तो वह भी स्कुल की छुटी का लेती थी। हम दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदला कुछ पता ही नही चला , लेकिन कहते हैं ना ! जब घर मे मिठाई बनती है तो जानकारी मोहल्ले वाले को हो ही जाती है।
इसी तरह हम दोनों के प्यार के बारे में जानकारी पड़ोसियों को सबसे पहले मालूम हो गई थी । वो प्यार के साथ फ्री में गुस्सा भी देती थी , वह जब भी हम से गुस्सा होती तो वह उर्दू में लिखकर msg करती थी । जो मुझे पढ़ना नही आता था।
मुझे उर्दू पढ़ने ना आना भी मेरे लिए फायदेमंद था। क्योंकि गुस्से से कि मैसेज को मैं पढ़ नही पाता था जिसके वजह से गुस्सा को समझ नही पाता और मैं english में बस miss you लिख कर रिप्लाई कर देता था और इस तरह वह बहुत जल्द मान जाती थी ।
जब मैं 10वी पास किया तो पढ़ने के लिए गांव छोड़ कर शहर में शिफ्ट होना पड़ा। शहर आ जाने के बाद से उससे बात करना , मिलना सब बन्द हो गया। अब उससे फोन से भी बात नही कर पाता था , क्योकि उसके घर मे सिर्फ एक मोबाइल थी जो अक्सर उसके अब्बू लिए रहते थे ।
समय बितता गया और अब मैं ग्रेजुएशन भी पास कर गया और ssc की तैयारी करने लगा ।
और उधर वो भी छोटी से बड़ी होती गयी ।
एक दिन हम गांव गए हुए थे उसी दिन वह शाम को हमे मिली और बोली, “आदित्या ! क्या तुम मुझ से शादी कर सकते हो ?”
मैं बिना कुछ सोचे समझे जबाब दिया, “पागल हो ! अभी मैं अपनी पैर पर खड़े भी नही हुआ हूँ । भला तुम्हे कैसे रख पाऊँगा ? जॉब लग जाने दो फिर हम -दोनों शादी कर लेंगे ।”
ये सुनने के बाद उसकी आँखों मे आंसू साफ दिख रही थी लेकिन उसने आंखों को छुपाते हुए बोली, “ठीक है । मैं इंतजार कर लूँगी ।”
मैं कई सालों तक ssc ,बैकिंग ,रेलवे की तैयारी करता रहा , लेकिन जॉब हाथ नही लगी । कभी पश्न लीक तो कभी मेरिट घोटाला तो कभी सरकार की वैकेंसी बंद का शिकार होता रहा।
एक दिन वह आकर मुझ से लिपट गयी और रोती हुई कही, “अलविदा ! अब हम कभी नही मिल पाएंगे।”
मैंने कहा, “पागल हो ! क्या कह रही हो?”
“सच कह रही हूं । आज के बाद मैं कभी नही मिल पाऊंगी क्योकि मेरी शादी तय हो गयी है और इसी महीने में शादी है।”
कुछ पल तक वहाँ खामोशी रहा उसके बाद बोली, “शादी के बाद साउदी अरब चली जाऊँगी क्योंकि मेरा शौहर वही रहता है। “
ये सुनकर मेरी भी आंखों में आंसू आ गये और मैं रोने लगा । उसने मुझ से बाँहे छुड़ा कर वह तेजी से रोती हुई अपनी घर के तरफ चली गयी ।
तब से अब तक ना उससे बात हुई ना वो कभी मिली , हमारी प्यार को बेरोजगारी की नजर लग गयी थी ।
आज जब लोगों को ईद मनाते देखा तो उसकी यादे आ गयी और आंखे गीली हो गयी ।
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Yar tum bahut upar jaoge bhut achha likhte ho
Aapki kahaniyan bahut shiksha dayak hai
Sir aap ki kahaniyan bahut acchi hai aap bahut achcha likhate Ho aap likhte raho aap acche author ho
Vry vry nyyc story ♥️