राहुल की बात सुनकर अर्जुन कुछ बोलने ही वाला था कि तभी एक 55 साल का सूट बूट पहना आदमी बाहर आया और अर्जुन को देखते ही उसने अर्जुन को गले लगाते हुए कहा, ” कैसे हो अर्जुन बेटा..? यहां आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई?”
अर्जुन कुछ बोलता उससे पहले ही राहुल हैरान होकर सामने खड़े आदमी को देखने लगा। पिछले 3 साल में कोई अर्जुन को देखने भी नहीं आया था और आज यूँ अचानक किसी को अर्जुन की इतनी फिक्र करता देख राहुल हैरान होकर अर्जुन को देखने लगा।
अर्जुन को समझ आ रहा था कि अचानक ये सब देख कर उसका दोस्त काफी हैरान हो रहा है इसलिए उसने आंखों से कुछ इशारा किया और कहा , “दोस्त, बाद में सब बताऊंगा।”
राहुल ने भी आगे कुछ नहीं पूछा। तभी Shainky ने अर्जुन के कंधे पर हाथ रखा और उसे अपने साथ अन्दर ले जाने लगा। राहुल भी उसके पीछे पीछे ही अंदर जा रहा था। और वहां खड़ा गार्ड तो इन दोनों से नजरें भी नहीं मिला पा रहा था। अर्जुन ने एक नजर उसे ऊपर से नीचे तक देखा और उसके बाद चेहरे पर हल्की smile लिए अंदर चला गया।
जैसे जैसे राहुल अर्जुन के साथ जा रहा था वैसे वैसे उसकी आंखें हैरानी से बड़ी होती जा रही थी। उसने आज से पहले कभी इतना बड़ा होटल नहीं देखा था और ना ही इतना सुंदर इंटीरियर देखा था। आज ताज होटल का नजारा देख कर राहुल की आंखों में भी चमक बढ़ती जा रही थी।
उसके सामने खड़े होटल स्टाफ वाले उसे देख कर जिस तरह से greet कर रहे थे वो सब राहुल के लिए नया था। आज से पहले उसे इतनी इज्जत किसी ने नहीं दी थी। बचपन से सड़कों पर ही पल बढ़ कर राहुल यहां तक पहुंचा था। हालांकि, अर्जुन के लिए ये सब कोई बड़ी बात नहीं थी। इसका कारण आपको आगे पता चलेगा।
अर्जुन और Shainky जैसे ही lobby से होते हुए ताज होटल के 15वे फ्लोर पर गए तो वहां एक आलीशान प्राइवेट फ्लैट बना हुआ था। उस फ्लैट में बहुत सारे कमरे थे और अंदर एक से बढ़कर एक महंगे आइटम रखे हुए थे। राहुल तो मुंह खोले खुशी से हर एक समान को देख रहा था।
यहां बने कमरे राहुल और अर्जुन के कमरे से 5 गुना बड़े थे। और बहुत आलीशान तरीके से decorate किए गए थे।
अर्जुन की नजर तो इस वक्त सिर्फ एक ही इंसान को ढूंढ रही थी और वो हैं उसके दादा जी जगदीश मित्तल।
Shainky के कहने पर अर्जुन और राहुल वहीं लगे सोफा पर कुछ देर बैठ गए। तभी अंदर से एक 75 साल का बुड्ढा सा आदमी जिसने सफारी सूट पहन रखा था और चेहरे पर एक अलग ही एटीट्यूड और घमंड था, वो जैसे ही अर्जुन के सामने आया तो अर्जुन और वो इंसान जिसका नाम जगदीश मित्तल था, वो दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को देखते रहे।
अर्जुन कोई और नहीं बल्कि जगदीश मित्तल का पोता था, जो कुछ साल पहले किसी वजह से अपना सब कुछ छोड़कर यहां गरीबों वाली और अनाथो वाली जिंदगी जी रहा था। तो वही दुसरी तरफ दादा जी अपने पोते को देख रहे थे कुछ देर तक यूँ ही एक दूसरे को देखने के बाद जगदीश मित्तल ने सामने रखे एक किंग साइज कुर्सी पर आकर बैठे, जिसके पीछे गोल्डन कलर के 3 शेर लगे हुए थे। उस कुर्सी पर बैठते ही दादाजी का औरा ही बदल गया। उन्होंने अर्जुन और राहुल की तरफ बैठने का इशारा किया और फिर अर्जुन से कहा, “क्या बात है, जो कभी एक गिलास पानी तक खुद नहीं लेता था वो आज एक छोटे से कमरे में जिंदगी जी रहा है।….मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे घर से निकाल देने के बाद तुम खुद को दिल्ली की इन गलियों में जिंदा रख पाओगे!……मुझे खुशी हैं कि मित्तल खानदान का खून तुम्हे हर परिस्थिति में जिंदा रख रहा है।”
राहुल ने जैसे ही ये बात सुनी तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया। उसने हैरान होकर अर्जुन को देखना शुरू कर दिया। क्योंकि अर्जुन ने 3 साल पहले उसे बताया था कि वो एक अनाथ है और उसका इस दुनिया में कोई नहीं हैं।
वैसे था तो कोई राहुल का भी नही, वो भी एक अनाथ ही था। इसलिए दोनों जल्दी ही एक दूसरे का सहारा बन गए थे।
अर्जुन समझ रहा था कि राहुल के मन में बहुत सारे सवाल हैं। पर फिलहाल वो कुछ नहीं कह सकता था इसलिए उसने दादाजी की तरफ देखते हुए कहा, “आपने मुझे यहां क्यों बुलाया है?”
दादाजी ने जैसे ही अर्जुन को डायरेक्ट बात पर आते हुए देखा तो उनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई। अब उनका पोता बड़ा हो गया था और उसे अकल आ गई थी शब्दों को तोल मोल कर बोलने की। दादा जी ने अर्जुन से कहा, “तुम्हारी दादी को होश आ गया है। और वो चाहती हैं की अब तुम अपने परिवार के साथ ही रहो।”
जैसे ही अर्जुन ने सुना की उसकी दादी को होश आ गया है तो उसके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान आ गई और उसने खुश होते हुए कहा, “क्या सच में दादी को होश आ गया! क्या कहा उन्होंने?….दादी ने बताया आपको की उस दिन जो कुछ भी हुआ उसमें मेरी गलती नही थी? बोलिए दादा जी!”
अर्जुन को इतना खुश देखकर Shainky और राहुल भी खुश हो गए और सब लोग दादा जी को देखने लगे। तभी दादा जी ने हाँ में अपना सिर हिलाते हुए कहा, “हां…..और इसीलिए अब तुम्हें और गरीबों की तरह जीने की जरूरत नहीं है। तुम चलकर अपने मेंशन में रहो।”
जैसे ही राहुल ने सुना की अर्जुन को अब अपने घर में रहना है तो, उसका खिलखिलाता चेहरा एकदम उतर गया। वो अर्जुन के घर वापस जाने पर खुश जरूर था मगर अपने इकलौते दोस्त को खुद से दूर होने पर दुखी था।
तो क्या करेगा अब अर्जुन ? क्या वो चला जाएगा राहुल को छोड़कर ? क्या खत्म जाएगी राहुल और अर्जुन की दोस्ती?
ऐसा क्या हुआ था 3 साल पहले जो, अर्जुन को अपनी लग्जरी लाइफ छोड़कर गरीबों की तरह जीना पड़ रहा था?
जानने के लिए इस कहानी को आगे, पढ़ते रहिए “बिलेनियर बॉयफ्रेंड” सिर्फ और सिर्फ StoryBaaz पर!
Tag- Best Romantic Kahani In Hindi