स्कुल डायरी School life love story
बात उन दिनों की हैं जब मैं क्लास नौवीं में पढता था। मैं आवारा था। पुरे दिन दोस्तों के साथ इधर -उधर घूम कर आवारा गर्दी किया करता था। ना पढ़ने की सूद होती थी और नहीं कभी स्कूल जाने की। वो तो मेरे पिता जी का चमत्कार था जो कभी -कभी स्कुल भी चला जाया करता था।
मैं उसे निहार ही रहा था की क्लास में चंद्रभुष्ण सर की प्रवेश हुई . निकली तोंद , सफेद बाल , राक्षश वाली चाल और हांथो में एक मोटी डंडा लेकर क्लास के अंदर प्रवेश किये . उन्हें देख कर सभी बच्चे बिल्ली जैसी दुबुक कर शांत मुद्रा में बैठा गया . मैं भी उस लडकी के चहरे से नजरें हटा कर अपनी किताबों पर नजरे दौड़ाने लगें .
प्रत्येक दिन अपने क्लास में मेरा मजाक उडना आम बात हो गयी थी .मगर इस बात की कभी कोई अवशोस नही होती थी . परन्तु आज मेरा दिल जोरो से धडक रहा था .एक डर सा लग रहा था कहीं आज भी ना इस नई लड़की के सामने मेरी इज्जत का कचड़ा हो जाये .
जिस बात की डर थी वही हुई , चन्द्रभुष्ण गुरूजी ने पुरे क्लास के सामने खड़े कर गणित के २-३ प्रश्न दाग दिए . साला पूरा दिमाग हिल गया मगर मैं प्रश्न का बाल भी बांका नही कर पाया . गुरूजी वही तुरंत -गधे , मुर्ख जैसे कई उपलब्धि से सम्मानित कर दिए . पूरा क्लास हँसी से गूंज रहा था . शर्म से मेरा चेहरा आज पहली बार लाल हुआ था वरना कभी किसी के मजाल नही थी जो मुझे शर्म लगा सके .
मैं समझ गया था , ये लड़की कभी बात भी नही करेगी . भला कौन इतनी वेबकुफ़ से बात करना पसंद करेगा .
मैं चुप -चाप अपनी जगह पर जाकर बैठ गया . मैं कुछ सोच ही रहा था तभी चंद्र्भूष्ण गुरूजी की क्लास समाप्त हुई . मैं अब उसे देखने की आदत को तुरत भूल चूका था . आज हर दिन की तरह मेरे चेहरे पर उतनी रौनक नही थी जितनी हर दिन सब लोगों से बेइजती होने के बाद रहती थी .
” हेल्लो ” उसने पास आकर बोली .
इतनी बेइजती होने के बाद यह आवाज मेरे कानो को तपती रेंत को ठंडी पानी के बूंदों जैसी महसूस करवा रही थी .
” जी ” मैं हल्के पीछे मुडकर उसे झांकते हुआ बोला .
” आपके पास वो सारी नोट्स हैं जो आज से पहले पढाई गयी हो ” उसने मेरे आँखों में आंखे डाल कर बोली .
मैं भी परेशान! यार वह बोली भी तो नोट्स के लिए . भला मैं आज तक कभी कोई नोट्स बनाया था ! जो आज बनाकर रखता .
आज वह पहली दिन स्कुल आई थी और मुझे से पहली दिन ही बात की थी इसलिए उसे इंकार करने का ख्याल मेरे दिल में कही दूर – दूर तक नही दिखाई दे रही थी .
” हाँ ! जरुर। कब चाहिए आपको ” मैं बिना ज्यदा समय गवाए बोल दिया .
” तुम जब चाहो दे दो ” उसने बोली .
” तो तुम अगले महीने ले लेना ”
यार ! अगर मैं आज से भी लिखना शुरू करता तो पूरी नोट्स बनाने में कम से कम एक महीने तो लग ही जाती . इसलिए मैंने पूरी एक महीने बाद का समय बता दिया। .
” उतने दिन में तो मैं खुद बना लुंगी ” उसने आश्चर्य करते हुए बोली .
“Ok , मैं 2 दिन बाद दे दूंगा ”
वह मुस्कुरा कर चली गई । मैं भी थोड़ी हल्की मुस्कान बिखरा दिया ।
स्कूल से छूटी होने के बाद मैं सीधा अपने घर गया और क्लास की नोट्स बनाने लगा । मैंने आज से पहले किसी के कहने या अपने शिक्षक से डर कर भी नोट्स नही बनाया था । परंतु आज उस लड़की के लिए नोट्स बना रहा था जिसे मैं अच्छी तरह से जानता तक भी नही था । मैंने पूरे दो दिनों तक खेलना -कूदना बन्द कर के नोट्स को तैयार कर लिया और उसके अगले दिन मैं नोट्स लेकर सीधे उसके पास पहुँच गया ।
” Thank you ”
” कोई बात नही , कोई और काम हो तो बता दीजियेगा ” ok ”
” वैसे मैं आपका नाम जान सकता हूँ ? ” मैं थोड़ी हल्की आवाज में बोला ।
” कविता , और तुम्हारा ”
” दीपक ” मैं अपना नाम थोड़ा हिचकिचाहट के साथ बोला ।
उस दिन के बाद हम दोनों स्कूल में काफी घुल -मिल गए । और दोस्ती बढ़ती गयी ।
अब मैं गलियों में आवारा -गर्दी करता नही फिरता , प्रत्येक दिन स्कूल जाता और उससे बाते करता ।अब तो दोस्त यह कहने लगा – यार , लड़की के चक्कर मे अपने दोस्तों को भूलता जा रहा है ।
लेकिन ये तो पता नही , की वो सच बोलता था या झूठ।
पर यह सच था मैं अपनी पूरी समय उसी के आगे पीछे काट देता था ।
आज तक ना तो मै उसे अपनी दिल के बताया था और नही वो । लेकिन यह महसूस जरूर होती थी कि वो मुझे पसंद करती है ।
मई महीने के अंतिम सप्ताह के शनिवार का दिन था उस दिन पढ़ाकर हमारी स्कूल में गर्मी के छूटी मिलने वाली थी और स्कूल पुनः अगले 30 दिनों के बाद खुलने वाली थी । मुझे समझ नही आया रही थी आखिर इतने दिन उससे मिले या बिना बात किये कैसे रह सकते थे।
मैं आज फैसल कर लिया , अपनी दिल की हाल एक कागज के टुकड़े पर लिख कर उसके बैग में रख दूँगा।
मैं बहुत ही प्यार से एक प्रेम पत्र लिखा और उसके बैग में रखने के लिए सही समय का इन्तजार करता रहा ।परन्तु प्रेम पत्र उसके बैग में नही रख पाए और स्कूल की छूटी भी हो गयी । सभी बच्चे खुशी से झूमता हुआ घर लौट रहा था और मैं चेहरे लटकाकर ।
मैं बिल्कुल उदास था , मुझे समझ नही आ रही थी अब उससे बात कैसे करूँगा । इतने दिन तक बिना उसे देखे कैसे रहूंगा । मुझे गर्मी के मौसम पर गुस्से आ रही थी , मुझे लग रहा था काश ! अगर गर्मी का मौसम नही होती तो स्कूल में छुटी भी नही मिलती और नही मुझे उससे इतने दिनों के लिए दूर ही जाना पड़ता ।
मैं घर आकर उदास होकर बैठा था । हर दिन की तरह आज भी स्कूल से आने के बाद स्कूल की डायरी से होम वर्क लिखने के लिए डायरी निकाल कर देख रहा था ।
तभी मुझे डायरी में एक कागज के टुकड़े मिला जिसे मैं पढने लगा ।
” अरे वाह ! ” मेरे मुंह से यह शब्द अचानक निकल गया ।
यह कविता ने मेरे लिए प्रेम पत्र लिखी थी , और उसने किसी तरह से मेरे डायरी में छुपा कर रख दी थी । उसमें उसके घर का टेलीफोन नम्बर भी था । मैं तुरन्त उस के नम्बर पर कॉल किया । उसके बाद से हमदोनो के बात -चीत का सिलसिला चालू हो गया । हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे । अब तो एक पल भी बिना बात किये दिन नही कटती थी ।
2 साल बाद
मैं पिछले दो साल से कोटा में हूँ और मेडिकल की तैयारी कर हूँ । मुझे तो यकीन ही नही हो रहा हैं जो कभी दिन भर आवारा गर्दी करता फिरता था वो आज 10th अच्छे नम्बर से पास कर मेडिकल की तैयारी कर रहा था । अगर मैं अपनी सफलता का श्रेय किसी को देना चाहूँगा तो कविता को ही दूंगा । मैं उसी के वजह आज इतने अच्छे नम्बर से पास किया हूँ और आज मेडिकल की तैयारी कर रहा हूँ।
पिछले साल कविता की शादी हो गयी हैं और वह अब केरला में रहती है । सुना है उसके पति सरकारी नौकरी करता है।
उससे बात हुआ आज लगभग 11 महीने से अधिक हो चुकी हैं । अब वो अपनी फैमिली में एडजस्ट हो चुकी हैं । लेकिन मेरे दिल अभी तक वही रुका हुआ है जहाँ पहले था , आज भी उसे बहुत प्यार करता है । जब भी उसकी याद आती हैं स्कूल डायरी को देख लेता हूँ जिसने हम दोनों को मिलाया था । जिस डायरी में उसने प्रेम पत्र छुपायी थी । वो आज भी उसी तरह मेरे पास शुरक्षित हैं जैसे मेरे दिल मे उसके लिए प्यार ।
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10 Comments
Kya aap Funny Story bhi likhte ho?
जी, बिल्कुल ।
आप इन कहानियों को पढ़ सकते हैं –
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2.फेसबुकिया प्यार –
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4.पिंकिया के बियाह –
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More-….
बहुत अच्छी कहानी 👌
शुक्रिया
bahut achi story likhte ho aap ek pal ke liye mughe lga ye real h par jo v h bahut acha h
शुक्रिया।
नमस्ते सर,
मैं लगभग एक साल से आपके ब्लोग पर विजिट कर रहा हूं। और आपके ब्लोग की सभी कहानीयां प्रेरणादायक है। मुझे आपके ब्लोग की कहानीयों में वे सभी विचार मिले जो एक अच्छे लेखक में होते है। सच्च में मुझे आपकी सोच और कला पर गर्व है।
मैं बचपन से ही कहानीयां लिखना पसंद करता हूं। लेकिन मैं आपसे प्रेरित होकर कुछ महिनो से कहानीयां लिख रहा हूं। उम्मीद है कि आपको मेरी लिखी हुई कहानीयां पसंद आयेगी। और आप मुझे दुनिया के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए सहयोग करेंगे। मतलब मेरे कमेंट को आप अनुमति प्रदान करे। मैं अपनी कला आपके हवाले करता हूं।
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https://storyboy2020.blogspot.com/2020/06/story-for-kids22.html
Yah kahani lagbhag har school ke student se match khati hai . Love Story mast hai sir .
Wow awesome story
Nice story