Blackmail। ब्लैकमेल। क्राइम स्टोरी हिंदी में

Author - Avinash Kumar

पहले जहाँ एक ही विद्यालय में कई महीने एक साथ पढाई करने के बावजूद भी एक लडकी – दुसरे लडके से  एक – दुसरे से दोस्ती नही हो पाती थी और वहीं आजकल के युवा मात्र एक मिनट के facebook जैसे social site पर चैट कर लेने से ही सात जन्मों की दोस्ती कर बैठते हैं.यह कहानी दो बहने सलोनी झा एवं साक्षी झा के हैं .

सलोनी और साक्षी अपनी १०वी तक की पढ़ाई अपने गृह शहर से किये थे . दोनों बहने पढ़ाई में काफी अच्छी थी यही कारण था कि दोनों ने बोर्ड की परीक्षा में काफी अच्छी पूर्णांक प्राप्त किये थे.

दोनों के पढाई के प्रति कड़ी लगन देखकर उसके परिवार वालों ने उन्हें शहर भेजने का फैसला किया ताकि वह शहर में बेहत्तर से बेहत्तर शिक्षा प्राप्त कर सके. दोनों बहने अपने कस्बे से निकल कर अब शहर में आ चुकी थी, 

यहाँ उसे नए – नए  चीजें देखने को मिल रही थी . शहर के फैशन , खान-पान , जीवन शैली उन्हें पूरी तरह से प्रभावित कर रहे  थे. दोनों बहने जल्द ही शहर के जीवन – शैली में ढलने की कोशिश करने लगे . 

शहर आकर उन्हें अपनी कस्बे काफी छोटे लग रहे थे , उन्हें पहली दफा महसूस हुआ की असली जीवन तो यहाँ है. 

सलोनी और साक्षी एक गर्ल्स हॉस्टल में रहते थे . यहाँ कई तरह के पावंदी थी फिर भी अपने फैमली जैसा  देखभाल नही मिल पाती थी .दोनों बहने शहर आने के बाद सबसे पहले उन्होंने ने एक – एक स्मार्ट फ़ोन खरीदें थे .

स्मार्ट फ़ोन खरीदने के बाद उन्हें जिंदगी जीने के लिए उनकी दो दुनियां हो गयी थी , एक वास्तविक जो प्रत्येक दिन जिया करते थे और दूसरी काल्पनिक जो स्मार्ट फ़ोन के जरिये social site से जिया करते थे.

घर से बाहर होने पर विधार्थी जीवन में एक बहुत बड़ी फायदा यह हो  जाती है की आप बाहर रह कर कुछ भी करों आपको कोई रोक –ठोक  करने वाला कोई नहीं होता हैं. इसी बात का फायदा शायद इन दोनों बहने उठा रही थी .

 यहाँ आने के बाद इन  दोनों के पढ़ाई पर ध्यान कम और दूसरी चीजों पर अधिक हो गयी थी . इसके कई कारण हो सकते हैं . शायद ! वह यहाँ आकर अपने जीवन को खुल कर जीना चाह रही हो  या फिर उसे शहर आकर आजादी महसूस हो रही हो .

एक दिन facebook इस्तेमाल करते समय साक्षी के प्रोफाइल में एक नये फ्रेंड रिक्वेस्ट Notification आई .उसने तुरंत उसकी प्रोफाइल को चेक किया और उसकी फोटो देख कर उसका फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया .

यह प्रोफाइल किसी सुदीप पाण्डेय नामक लड़के का था . जिसका उम्र 23 वर्ष और वह मुंबई से था .फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के कुछ मिनट बाद साक्षी के इनबॉक्स में “ hello” लिख कर एक  संदेश आ टपका . यह मैसेज सुदीप पांडेय का था .

साक्षी ने hello के बदले hii लिख कर रिप्लाई कर दी .

 इसके बाद दोनों तरफ से मैसेज के बाढ़ आ गये . साक्षी एक छोटे से कस्वे से निकल कर इसे बड़े शहर मे आई थी . उसे शहर के माहौल के बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नही थी और साथ ही उसे अपनी काल्पनिक दुनिया social site ( facebook , Twitter, Instagram , … ) के बुरे पहलू से बेखबर थी .

एक सप्ताह लगातार चैट के बाद साक्षी ने सुदीप पाण्डेय को अपनी निजी मोबाइल नंबर भी दे डाली और अब facebook चैट के अलावे मोबाइल फ़ोन से घंटो बात होने लगी .

सलोनी और साक्षी दोनों एक ही कमरा में रहते थे जिसके कारण साक्षी –सुदीप के बात-चीत के जानकारी सलोनी को थी परन्तु वह उसे मना ना कर वह भी सुदीप से  बात करने में इंटरेस्ट थी .

 इस तरह एक काल्पनिक दुनिया से इन दोनों बहनों के लिए कोई अपना बनकर कर आ पड़ा था . कई दिनों के बात-चीत के बाद एक दिन सुदीप ने साक्षी को प्रपोज किया . साक्षी उसे पसंद करने लगी थी जिसके वजह से सुदीप का प्रपोजल कबूल कर ली.

साक्षी अभी तक शहर को पूरी तरह समझ नहीं पाई थी . उसे  यह मालूम नही था की  यहाँ सब अपने लिए जीता हैं , यहाँ कोई किसी का अपना नही होता हैं , यहाँ हजारो लोग प्रत्येक दिन आते हैं और हजारों नये रिश्ते बनते हैं परन्तु यह सभी रिश्ते  तिनके जैसे बिखर कर रह जाते हैं .

एक दिन सुदीप ने साक्षी को मिलने के लिए बोला , “ क्या हम मिल सकते हैं ? ”

साक्षी को अभी तक उससे बात शुरू हुआ लगभग 40 दिन हो रहे थे . इतने ही दिनों में दोनों को एक – दुसरे से प्यार हो गया था.

 साक्षी ने चैट के दौरान मोबाइल नम्बर के अलावे कई सारे फोटोग्राफ भी दे चुकी थी .आज जब सुदीप उसे मिलने के लिए बोला तो वह उसे मना नही कर पायी और दोनों ने मिलने के लिए जगह और एक निश्चित तारीख तय किया .

चुकी सुदीप मुंबई से था और साक्षी हैदराबाद में रहती थी इसलिए दोनों के बीच काफी दूरियां  थी मगर साक्षी फिर भी मुंबई जाने के लिए तैयार हो गयी . वैसे कहते हैं ना , “ प्यार में लोग क्या नही करते ? ”

कुछ दिन बाद सलोनी और साक्षी हैदराबाद के रेलवे स्टेशन पर खड़े थे , साक्षी मुंबई जाने के लिए रेलवे स्टेशन आई हुई थी जबकि उसे छोड़ने उसकी बहन सलोनी भी रेलवे स्टेशन आई हुई थी.

“ मैं भी तुम्हारे साथ चलूँ ? ” सलोनी बोली .

“ अगली बार हम –दोनों साथ चलेंगे ”

“ ठीक है ”

बात –चीत के दौरान मुंबई के लिए गाड़ी आ चुकी थी . साक्षी ने अपनी बहन से विदा लेकर रेलगाड़ी के अंदर चली गयी .

इस वक्त साक्षी के मन में सुदीप के लिए कई विचार थे , उसकी फोटो को zoom कर निहारती जा रही थी . बीच –बीच में वह सुदीप से बात भी करती रहती थी .

अगले दिन वह मुंबई रेलवे स्टेशन पहुच चुकी थी और उसे लेने के लिए रेलवे स्टेशन सुदीप आया हुआ था . पहले तो साक्षी उसे देख कर चौक गयी क्योकि facebook प्रोफाइल के अनुसार उसे 24 वर्ष के होने चाहिए थे , परन्तु वह लगभग 30-32 वर्ष का व्यक्ति था .  परन्तु उसकी व्यक्तित्व  (Personality) देख कर वह खुश थी .

वह देखने में काफी अच्छा और किसी बड़े घराने का लग रहा था . दोनों ने सबसे पहले एक रेस्टोरेंट गये और वहां से  खाने –पीने के बाद वह मुंबई घूमने निकल गये .

लगभग शाम 4 बजे तक दोनों  होटल पहुँच चुके थे जहाँ सुदीप पहले से एक कमरा बुक कर रखा था .उस कमरे में और पहले से दो लड़के थे . जिसे देख कर साक्षी को अच्छा ना लगा परन्तु वह कुछ नहीं बोली .

“ यह सब क्या है ?” कमरे में रखी कोल्ड ड्रिंक एवं खाने के समान देख कर साक्षी बोली .

“ यह एक छोटी – सी पार्टी हैं , जो मैं तुम से मिलने की ख़ुशी में रखा  हैं .” सुदीप बोला .

यह सुनकर साक्षी खुश हो गयी . पार्टी शुरू हुआ , सभी ने कोल्ड्रिंक पिया परन्तु साक्षी ने कोल्ड ड्रिंक पीने से मना कर दिया लेकिन सुदीप उसे पार्टी का वास्ता देकर पिला दिया .  

कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद उसे नींद जैसा महसूस होने लगा और वह बिस्तर पर जाकर सो गयी .

जब सुबह नींद खुली तो वह हैरान थी उसके पूरे शरीर में दर्द और ऐंठन थी . उसके कपडे जहां तहां से फटी हुई थी . उसके कपड़े भी खुली हुई थी वह यह सब देख कर समझ चुकी थी उसके साथ कुछ गलत हुआ हैं . 

उसके बगल में ही सुदीप सो रहा था . कुछ मिनट बाद सुदीप का भी नींद टुटा .

“सुदीप ! रात में तुम मेरे साथ क्या किये हूँ ? ” गुस्से से साक्षी बोली .

“ वो … वो …” हिचकते हुए बोलना चाहा मगर बीच में ही साक्षी रोक दी .

 “मुझे तुमसे से ऐसी उम्मीद नहीं थी ”

सुदीप शहरी लड़का था उसे अच्छी तरह से मालूम थी की लड़कियों को कैसे सम्भालना हैं . उसने शादी का झांसा दिया और प्यार की कसमें खाकर उसे मना लिया . और साक्षी भी उसे माफ़ कर दी .

मेरे समझ से साक्षी द्वारा सुदीप को माफ़ करने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन जो पहली कारण थी वो प्यार और विश्वाश था . शायद ! साक्षी उससे सच में प्यार कर बैठी थी और उसे विश्वास थी की सुदीप उससे अपनाएगा .

लेकिन माफ़ करने के एक पहलु ये भी हो सकता हैं . शायद ! सुदीप की व्यक्तित्व और पैसे को देख कर माफ़ कर दिया हो क्योकि लड़कियां पैसे और प्यार में ज्यादा फर्क नही समझती हैं . लड़कियों के  मानना हैं जिसके पास पैसे होते हैं उससे प्यार भी काफी मिलती हैं .

अगले दिन वह वापस हैदराबाद आ चुकी थी . और लगातार सुदीप से बातचीत जारी थी . तभी एक सप्ताह बाद सुदीप उसे फिर से मिलने के लिए जिद करने लगा परन्तु साक्षी इतनी जल्दी पुनः मुंबई जाने के बारे में नहीं सोच रही थी .

 सुदीप को लगने लगा अब साक्षी पुनः नहीं आएगी . तब उसने अपनी असली रूप दिखाना शुरू किया . रात के करीब 11 बजे सुदीप ने साक्षी को Whatsapp पर 4 मिनट की एक छोटी –सी वीडियो क्लिप भेजा.  जिसे देख कर उसके पैर तले की जमीन खिसक गयी . उसे देख कर वह पागल जैसी हो गयी . उसे समझ नही आ रही थी आखिर ये सब कैसे हो गया ?

 यह विडियो क्लिप मुंबई के उस होटल की थी जिसमें साक्षी और सुदीप रात में ठहरे थे . इस विडियो क्लिप में साक्षी के साथ सुदीप के दोस्त के अलावे सुदीप भी उसके साथ बलात्कार करता हुआ दिख रहे थे . 

साक्षी उस कमरे में नशे की हालत में बिस्तर पर पड़े थे और ये सभी उसे जंगली कुत्ते जैसे उसे नोच रहे थे . अब साक्षी को सभी बात समझ में आ गयी थी की उस दिन कोल्ड ड्रिंक में बेहोशी की दवा मिली हुई थी .

इधर सुदीप यह विडियो क्लिप भेज कर उसे मुंबई आने की धमकी दे रहा था  . और मुंबई नहीं आने पर उस वीडियो के साथ बहुत सारे वीडियो क्लिप और फोटो वायरल करने की बात कर रहा था .

साक्षी विडियो वायरल होने की डर से उसकी बात मान गयी और वह एक बार फिर से मुंबई जाने के लिए तैयार हो गयी . इस बार उसकी बहन सलोनी भी उसके साथ जाने के लिए तैयार थी परन्तु उसे किसी तरह समझा कर मना कर दी .

मुंबई जाने के बाद फिर साक्षी के साथ वही बात दोहराई गयी. इसी तरह से धमकी दे –दे कर कई बार उसे मुंबई बोलता रहा .अब साक्षी काफी परेशान रहने लगी थी . वह हमेशा उदास रहती थी .बार – बार इसके कारण पूछने पर भी कोई जबाब नही देती थी .

सुदीप को अच्छी तरह से पता हो चुका था की साक्षी अपनी बहन के साथ हैदराबाद में रहती हैं . इसी का फायदा उठाकर सुदीप ने एक बार फिर से ब्लैकमेल  करने की कोशिश किया . लेकिन इस बार उसकी मांग बहुत अलग थी . इस बार वह साक्षी के बहन सलोनी को भी साथ लाने के लिए मांग कर रहा था . परन्तु साक्षी अपनी जिन्दगी तो तबाह कर चुकी थी और वह नही चाहती थी की मेरी बहन की भी यही हाल हो .

  उसने हिम्मत कर के सुदीप को मना कर दिया . लेकिन फिर भी सुदीप अपनी हरकत से बाज नही आ रहा था . सुदीप द्वारा काफ़ी पडताना सहने के बाद एक दिन साक्षी ने अपने कमरे में सुसाइड कर ली और इस तरह अपनी जिन्दगी समाप्त कर ली .

और  इस  तरह एक छोटे से कस्वे की होनिहार बेटी , हजारो सपने लिए इस दुनिया को छोड़ दिया . जब यह केस पुलिस के पास पहुंची तो कई सारे बात सामने आई .

सुदीप  एक आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति था . उसका असली नाम गोविन्द खंडवाल था .मुम्बई में उसके नाम से कई आपराधिक केस दर्ज थी . वह नक्सली संगठन से जुड़ा हुआ व्यक्ति था .

वह  इसी  तरह से कई लड़कियों को अपने जाल में फसा चूका था .और बहुत सारे लडको को अपने नक्सली संगठन जोड़ चूका था . परंतु अफसोस सुदीप आज भी पुलिस से फरार हैं .

All right reserved by the author 

Teri-Meri Aashiqui। तेरी - मेरी आशिक़ी
तेरी मेरी आशिक़ी
क्या होगा जब एक नए कॉलेज छात्र को पहली नज़र में ही उसे कोई लड़की पसंद आ जाए? आइए, जानिए इस अनोखी कहानी को, जो प्यार और सपनों की एक नई उर्जा से भरी है। कैसे एक सीधा - साधारण सा दिखने वाले लड़के ने अपने कॉलेज के पहले दिन में ही अपने प्यार को पहचाना और उसे पाने के किया रोमांचक प्रयास। इस कहानी में है प्रेम, संवेदनशीलता, और सपनों की पराकाष्ठा। जल्दी से जुड़ें और पढ़िए कैसे यह नया संभावित जोड़ा अपने रिश्तों को नई पहचान देता है!
Kora Kagaz | कोरा कागज़
कोरा कागज़
यह कहानी एक युवा लड़का विक्रम की है, जो अपने प्यार चाँदनी को छोड़ देता है अपने व्यक्तिगत सफलता के लिए। समय बीतने के साथ, वह चाँदनी को दोबारा पाने के लिए लौटता है, पर तब रक समय पूरी तरह से बदल गया होता है , उसे अपने निर्णय का पछतावा के अलावा कुछ नही मिलता है। यह कहानी हमें प्यार, समर्पण और संघर्ष की महत्वपूर्ण मूल्यों को समझाती है।
The Lunch Box। दी लंच बॉक्स। लव स्टोरी हिंदी में
दी लंच बॉक्स
यह कहानी एक लड़के की है जो अपने गांव से मुंबई शहर में आया है । शहरी जीवन में उसे कई मुश्किलें आती हैं, परंतु वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करता है। लेकिन एक दिन उसे अचानक ही उसे एक बच्चे से मुलाकात होती है, जिसे देख कर उसे अपने प्यार याद आने लगता है। उस बच्चे की आदत और लंच बॉक्स बिलकुल उसके जैसा ही था। जैसा वो अपने स्कुल में लेकर जाता था। जब उस लड़के को मालूम पड़ती है उस बच्चे की माँ के बारे में तो उस लड़के के पैरो तले जमीन खिसक जाती हैं। आखिर उस बच्चे और उसकी माँ के साथ क्या सम्बन्ध है उस लड़के का?
अपने दोस्तों को शेयर करें

1 thought on “Blackmail। ब्लैकमेल। क्राइम स्टोरी हिंदी में”

Leave a Comment

error: Content is protected !!