Vo Bus Wali Ladki | वो बस वाली लड़की | हिंदी कहानी

Author - Avinash Kumar

यह स्टोरी मेरी और आरोही की है। आरोही नेपाल से है जबकि मैं जालंधर (पंजाब) से हूँ। ये कहानी एक साल पहले शुरू हुई थी उस वक्त मैं अपने घर जालंधर में एक था।

मैं एक शादीशुदा व्यक्ति हूँ। उस वक्त मेरे पास कोई जॉब नही थी जिसके कारण मैं काफ़ी परेशान था . उस समय मुझे जॉब चाहिए थी। मेरे पास गोल्फ एक्सप्रियेंस के साथ ड्राइवरिंग लाइसेंस भी था। मैंने जॉब के लिए बहुत ट्राई किया। ट्रैवल एजेंट के पास गया मगर फिर भी कुछ ना हुआ। तब मैंने जॉब के लिए फेसबुक पर अपने सभी डिटेल्स के साथ एक पोस्ट डाला। उसके बाद जॉब से सम्बन्धित मुझे बहुत सारे कॉल आने लगे। मगर कोई सही पैसा नही दे रहा था तो कोई अत्यधिक काम करने के लिए कह रहा था जिसके कारण उन सभी नौकरियों में से सब को मैंने रिजेक्ट कर दिया।

शायद किस्मत कहीं और ले जाना चाहती थी मुझे फिर एक दिन बाद दुबई से एक कंपनी के एचआर की कॉल आई।

वह बोला ,“हमें ड्राइवर चाहिए कंपनी के जनरल मैनेजर के लिए।”

“क्या सैलरी देगी आपकी कम्पनी?” मैंने पूछा।

“₹2000” उसने बोली ।

मुझे उसकी सैलरी बहुत कम लगी इसलिए मैंने मना कर दिया। बाद में उसने व्हाट्सएप पर चैट करते हुए बोला ₹200 और दे देंगे।

मैं पिछले तीन महीने से घर में ही बेरोजगार बैठा था । जब इस जॉब के बारे में घर वालों से बात किया तब वे  बोले चलो जाओ। मैंने घर वालों के बात मान कर उस जॉब के लिए हामी भर दिया। कुछ दिन बाद मुझे कम्पनी द्वारा टिकट और वीजा मिल गया और मैं घर से निकल गया।

फ्लाइट दिल्ली से मुंबई और मुंबई से दुबई के लिए थे। जब मेरी फ्लाइट दुबई पंहुचा उस वक्त काफी रात हो चूका था। मैंने कंपनी के मैनेजर को कॉल किया तो उसने बोला, “ गाड़ी एयरपोर्ट भेज दी गयी हैं आप थोडा time इन्तेजार  कर लीजिये”।

 

मैं एयरपोर्ट पर रुका थोड़ी देर बाद गाड़ी आई। मुझे उस वक्त महसूस हो रहा था यहाँ  मैं सिर्फ अकेला हूं। लेकिन नहीं, वहां मेरे साथ में बहुत सारे और लड़के थे जो उसी कम्पनी में जॉब के लिए लाये गए थे। वे सब  नेपाल और बंगाल से थे।

हम सब एक साथ चले गए। होटल में रूम नही मिलने के कारण कम्पनी के द्वारा एक कमरे में सब लोगों को ठहराया गया। हम सभी उस कमरे के फर्स पर सो गये।

 

मॉर्निंग में मुझे पता चला यह एक क्लीनिंग कंपनी है। मेरे साथ जो लड़के थे सब क्लीनर के काम के लिए आये थे। यही कारण थी की उस रूम में उन लडको को लगा मैं भी क्लीनर हूं।

अगले दिन मुझे एक आदमी आकर बोला, “ इन लोगों में से ड्राइवर कौन है?”

मैंने बोला, “ड्राइवर मैं हूं।”

उसके बाद मैं उस आदमी के साथ चला गया। सारी कागजी प्रक्रिया होने के बाद मुझे जॉब ज्वाइन करवा दिया गया। मुझे यहाँ ये जॉब अच्छा नही लगा। क्योंकि मैंने इससे पहले कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम किया था। इसलिए ड्राईवर का यह जॉब अजीब लगा।

 मेरा काम मालिक की बेटी को स्कूल ड्रॉप करना और पिकअप करना था। ग्रीष्म वैकेशन के लिए स्कूल तीन महीने के लिए बंद हो गया।

जब कंपनी 3 महीने के लिए बंद हुई तब मुझे कंपनी में काम पर लगाया गया। मुझे कुछ दिन बाद कंपनी में काम के बाद पता चला कंपनी में लड़कियां भी काम करती है।

 

एक दिन मुझे मैनेजर की कॉल आई और उन्होंने बोला, “ आज से साइड पर काम करने के लिए लड़कियां को ड्राप और पिकअप करना है।”

 

मैनेजर के कहने के बाद मैं पहले दिन दिन गर्ल्स कैंप गया। उस वक्त मैं  थोड़ा नर्वस था। मुझे कम्पनी में 17लडकियों को ड्राप करना था परन्तु मेरी बस में मात्र 15 लोगों के बैठने के स्पेस थी। उन 17 लड़कियों में से एक शायद सुपरवाइजर थी वह झगड़ा कि मेरे साथ स्पेस को लेकर फिर भी मैंने उसे उस समय कुछ नहीं बोला । और उन्ही सब में से एक लड़की आरोही थी । लेकिन उस दिन मेरा पहला दिन था तो उसे मैंने ज्यादा नोट नहीं किया था । कुछ दिनों तक उनलोगों को युहीं कम्पनी ड्राप करता रहा तभी एक दिन आरोही और उसकी एक दोस्त मेरे बगल की सीट पर बैठ गई ।  आरोही देखने में बहुत सुंदर थी ।  गोरा रंग, प्यारी-प्यारी आंखें , रेशमी बाल और उसके गुलाबी होठ ।दिखुस दिन वह गजब के दिख रही थी ।

“आप नहीं आए हो” आरोही मुझसे पूछी ।

“जी” मैंने जवाब दिया ।

बाद में उसने पूछा पंजाब में कुड़ी मतलब क्या होता है ।  मैंने उसे बताया था हमारे यहाँ लड़की को कुड़ी कहा जाता हैं। उस दिन गाडी में उन लड़कियों के अलावे एक लड़का भी था ।  मैंने उन लड़कियों को ड्रॉप करने के बाद उस लडके से आरोही के बारे में पूछा था ।

उस लडके ने ही मुझे उसके नाम और उसके बारे मने कुछ बातें बताया था ।

        

अगले दिन जैसे ही वह लड़की आई मुझे पंजाबी सॉन्ग लगाने को बोली । तब मैंने उससे कहा, – “आपका नाम आरोही है? ”

उसने जिस अंदाज में हां जी बोली थी मेरे दिल को छू गया था । पुरे दिन उसकी “हाँ जी” मेरे कानों में गूंजती रही । मुझे कुछ दिनों बाद उसकी फेसबुक आईडी मिली । मैंने उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा और उसने एक्सेप्ट भी कर ली ।

दूसरे दिन उसने मेरी फोटो पर नाईस फोटो ब्रदर लिख कर कमेन्ट किया । मैंने कमेन्ट पढ़ कर जल्दी से उसे मैसेज किया और बोला,“ मुझे भाई मत बोलो”

“क्यों?” उसने रिप्लाई दी ।

“इतनी सुंदर लड़की को मैं बहन नहीं बना सकता” मैंने जबाब दिया ।

“तो दोस्त बना सकते हो ?” उसने पूछी ।

“ओके , ये चल सकता हैं ।” मैंने कहा ।

उसके बाद धीरे-धीरे हम-दोनों बहुत सारी बातें करने लगे । एक दिन मैंने उससे पूछा, -“तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?”

“मैं सिर्फ दोस्त बनाती हूँ बॉयफ्रेंड नहीं ।” उसने जबाब दी ।

 

इसी तरह हम-दोनों के बीच लम्बी-लम्बी बातें चलने लगी । एक दिन मैंने कहा, “ हम घूमने चल चलें ?”

उस दिन उसने मना कर दी । फिर एक दिन उसे अपने दोस्त के साथ मार्केट जाना था । तो उसने साथ में मुझे भी चलने को बोली ।  मुझे उससे बात करना, उसे देखना बहुत पसंद था । उस दिन उसे गाड़ी से मार्केट ले गया । उसके बाद उसे जब कभी भी कहीं जाना होता तो मुझे साथ चलने को बोलती ।

एक दिन मैं उसके साथ मार्केट  गया हुआ था । मैंने उससे नंबर देने को कहा तो उसने  बोली बाद में दूंगी । अब उसेक बिना रहना मुश्किल-सा हो गया था ।  मैं उससे मिलने , बात करने के लिए कोई ना कोई बहाना ढूंढता रहता था ।

 धीरे-धीरे उसकी बातें , उसकी हंसी मुझे दीवाना बना रहे थे । शायद मुझे उससे प्यार होने लगा था । मगर वह मुझे हमेशा दोस्त बोलती थी ।

 

      एक दिन हम उसके दोस्तों के साथ घूमने गए हुए थे । उस दिन मैंने उससे खुल कर बातें किया ।वो दिन मेरे लिए सबसे सुनहरे पल रहे . उस दिन वो कयामत लग रही थी और उसकी उपस्थिति में वो जगह जन्नत बन गयी थी ।

उस दिन के बाद अब जब भी उसे कहीं घुमने का दिल करता वह मुझे बोलती और हर हॉलीडे पर हम एक-दुसरे के साथ कहीं-ना कहीं  जाना पसंद करते । उसकी हर बात सुनना –मानना  मेरे लिए एक नशा सा हो गया था । मैंने उसे कई बार प्रपोज किया मगर वह हमेशा एक सच्चे दोस्त कह कर बात को टाल देती थी । इससे मुझे बहुत बुरा लगता था लेकिन मैं  उससे दूर नहीं जाना चाहता था ।

 

             फिर कुछ दिनों बाद उसने एक दिन मुझे बताया उसका एक बॉयफ्रेंड है । मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ फिर भी हम उससे बातें करते रहे । अब शायद उसे लगने लगा था कि मैं उसमें कुछ ज्यादा ही इंटरेस्टेड हो गया हूं । तो उसने मुझे इग्नोर करना शुरु कर दिया । यह देख कर मुझे और भी बुरा लगने लगा फिर मैंने उसे सॉरी बोला । मगर उसने माफ़ नही की, मैंने कई दिनों तक लगातार उसे सॉरी बोला क्योकिं मुझे फिर से उसके साथ रहना था । मुझे उस की लत लग गई थी । मुझे उसकी इतनी लत लग गयी थी कि मैं खाने बिना रह सकता था मगर उस लड़की के बिना नहीं ।

                       मैंने किसी तरह करके आरोही को मना लिया और हम फिर से मिलने लगे, उसके साथ एक  फ्रेंड के तरह उसके साथ घूमते रहे । मैंने उसके प्यार को  पाने के लिए वह सब कुछ  किया जो एक लड़का एक लड़की को करता है ।  मैंने आरोही को इंप्रेस करने के लिए गिफ्ट दिया, उसके हर जरूरत को पूरा करता रहा ताकि उसके दिल में मेरे लिए प्यार आ जाये लेकिन ऐसा नहीं हुआ । इतने दिनों में वो मेरे लिए सब कुछ बन गयी थी । अब जब भी होम-दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा होता तो उसे मैं तुरंत मना लेता था । और वह माफ भी तुरंत कर देती थी । कहते हैं ना,अगर प्यार सच्चा हो तो वहां जिस्म की भूख नहीं होती । बस उसका दीदार से ही सब कुछ मिल जाता है ।

          प्रतिदिन आरोही को whatsapp पर गुड मार्निंग कहना मैं कभी नहीं भूलता था । नींद से जागते ही पहला msg आरोही को भेजता था । और जब उसका रिप्लाई आ जाता तो ऐसे लगता था जैसे मानों मुझे जन्नत मिल गया हो। दिनभर उसके बारे में ही बातें करना , उसके बारे में सोचना मेरा ड्यूटी से बचा हुआ सारा समय इसी सब में जाता था ।

 

एक बार आरोही की ड्यूटी किसी दुसरे जगह लग गई । उस दिन मॉर्निंग मैसेज के बाद  दुबारा बात नही हुआ । उस दिन मैं बहुत उदास था । मैं पुरे दिन बैठकर उसके कॉल का इन्तेजार करता रहा मगर शाम तक कोई कॉल नही आया । मगर मैंने जैसे ही सोने लगा अचानक उसकी मिस कॉल आई अजब मैंने उसे कॉल किया तब उसने बताया इस साइड पर बस का नया ड्राईवर हमें लेने अभी तक नही आया हैं जबकि यहाँ हम लोगों की छूटी आधे घंटे पहले ही हो गयी है ।

 

 मैंने उस साइड पर जाने वाले ड्राईवर को कॉल लगा कर उसे साइड पर जाने को बोला ।

“अभी उस साइड पर जाने में टाइम लगेगा” उसने बोला ।

“मैं जाता हूं आप ना जाओ” मैंने कहा ।

“ओके , जाईये” उसने कहा ।

मैं आरोही को पिकअप करने उसके साइड पर चला गया । मुझे वहां देखकर आरोही बहुत हैप्पी हुई और बाकी लड़कियां थोड़ा हैरान हुई । सब लड़कियां सोच रही थी इसके बोलने से ये ड्राईवर भागा-भागा कैसे आ गया ।

अपने रूम जाकर आरोही उसने मुझे मैसेज किया, “ थैंक्स …. आप मुझे कितना प्यार करते हो । लेकिन मैं कभी नहीं देख पाई प्यार आपका । इसके लिए सॉरी ।”

“आज तुमने जो बोली मेरी लिए यही प्यार है” मैंने रिप्लाई किया ।

उस दिन के बाद से उसके दुसरे साइड पर भी मैं ही लेने और छोड़ने जाने लगा बिना यह प्रवाह किये की जब कम्पनी के मालिक को यह बात की जानकारी होगा तब वो मुझे क्या कहेंगे ।

अब सब कुछ सही चल रहा था परन्तु अब धीरे-धीरे लोग हम-दोनों के बारे में बाते करने लगे थे । लोगों हम-दोनों के साथ रहने के अलग मतलब निकाल रहे थे । इससे मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं थी । आरोही लड़की हो कर भी उनलोगों के बातों के इग्नोर कर रही थी जिससे मैं और अधिक उसके तरफ और आकर्षित होता जा था ।

कुछ दिनों बाद कम्पनी उसके एक दोस्त की ड्यूटी उसके साइड से दुसरे सिटी में कर दिया जिसके कारण वह उदास हो गयी फिर उसे मैंने समझाया की तुम उदास मत रहो मैं तुम्हे उससे मिलाने हमेशा लेकर जाता रहूँगा । मेरी यह बात सुनकर वह काफी खुश हो गयी । और जब भी हम दोनों को छुटी मिलती थीहम कम्पनी के गाड़ी लेकर उसके दोस्त के पास चला जाता ।

एक दिन हम-दोनों को मूवी देखने का प्लान था । और उसने सलाह दी वहां चले जहाँ मेरा दोस्त रहता हैं ।  यही बहाने अपने दोस्त से भी मिल लुंगी और फिल्म भी देख लुंगी । मैं उसकी बात मानकर चला गया परन्तु उस दिन उसेक दोस्त ने मुझे कही तुम्हे छोड़ कर इसे वापस चल जाने को कही ।

यह सुनकर आरोही साफ़ बोल दी । अगर मैं यह रुकी तो ये भी साथ ही रुकेंगे । यह सुनकर मैं काफ़ी खुश हुआ ।फिर उसने अपने दोस्त को समझाया और हम तीनों साथ में फिल्म देखने चले गये ।

 

 इसी तरह एक साल तक हम-दोनों का सिलसिला चलता रहा फिर कोरोनावायरस आ गया । सब कुछ चेंज हो गया । उसकी ड्यूटी बंद हो गई और मेरा भी काम छुट गया । अब पहले से मिलना-जुलना कम  हो गया हुआ ।  अब सिर्फ फोन से बात होने लगा । एक दिन फेसबुक पर मैंने मोबाइल का ads देखा । जब उसका स्क्रीन शॉट  आरोही को भेजा तब उसें कहा, “ ये फ़ोन मुझे किसी भी तरह चाहिए ।”

उस वक्त मेरा कम बंद था और कोरोना के वजह से पैसे भी कम हो गये थे फिर भी मैंने किसी तरह से उसे वह फ़ोन खरीद कर  उसे दे दिया । आरोही फ़ोन लेकर बहुत खुश हुई ।

 

कुछ दिनी बाद उसकी ड्यूटी शुरू हो गया और उसे एक स्कूल में ज्वाइन करवा दिया गया । वहां भी उसे छोड़ने मैं ही जाता था मगर शाम में लेने कोई दूसरा ड्राईवर जाता था । जिसके कारण वह उदास रहने लगी फिर उसे समझाया , “ कोई बात नही, मै तुम्हे छोड़ने तो आता हूँ ना इससे प्यार थोड़े ना कम हो जायेगा ।”

अब हम दोनों प्यार में थे । मैंने किसी तरह कम्पनी कह अपना ड्यूटी बदला दिया और अब आरोही को स्कुल से लेने और छोड़ने मैं ही जाने लगा । उसके खुशी के लिए स्कूल मैं जल्दी ही चला जाता था। और प्रत्येक दिन उसके लिए कुछ ना कुछ खाने के लिए या उसके लिए कुछ गिफ्ट लेकर जाता था । यह सब कई महीनों तक ऐसे ही चलता रहा ।

                             दो दिनों बाद उसकी बर्थडे आने वाली थी । मगर उसने मुझे कॉल कर के  बोली उसे आज ही रात में बर्थडे सेलिब्रेट करना है ।

जब मैंने उससे  पूछा, “ क्यों?”

तो उसने कोई खाश वजह नही बतायी । बाद में मैं अरेंजमेंट के बारे में सोचने लगा क्योकि उस वक्त मेरे पास पैसे नहीं थे । लेकिन शाम तक पैसे किसी तरह जुगाड़ कर लिया ।

“केक में नाम के जगह ‘मेरी प्यारी प्रिंसेस’ लिखवा दूँ” मैंने आरोही से पूछा ।

“तुम्हे जैसा मन करे वैसा लिखा दो” उसने हँसते हुए जबाब दी ।

उसके कहे अनुसार मैंने KFC मंगवा लिया जबकि उतने पैसे नही थे । KFC के लिए फिर से एक दोस्त की हेल्प लिया । आरोही उस दिन जितनी खुश थी इतनी खुश अब तक उसे  कभी ना देखा था ।

“कैसी लग रही हूँ?” ड्रेस पहन कर बाहर आती ही मुझे से पूछी ।

“सच बताऊं ! कयामत ।”

 

मेरी बात सुन कर वह खिलखिला कर हंस पड़ी । उस दिन हम मिलकर खूब एंजॉय किये थे ।

अब कोरोना का असर थोडा कम हुआ था और सरकार के द्वारा लॉकडाउन हटा दिया गया था । दूसरे दिन मेरी ड्यूटी थी ।

सुबह  7 बजे के आसपास उसकी कॉल आई । मैं थोड़ा गुस्सा हुआ । क्योकि उसने पिछले 24 घंटे से कोई कॉल या msg नही की थी ।  लेकिन थोड़ी देर बात करने के बाद मैं मान गया क्योंकि मैं डरता था कहीं वो मुझसे दूर ना चली जाए ।

           

  कुछ दिन बाद उसकी कुछ दुश्मन लड़कियां जो उसी स्कूल में काम करने जाती थी । उसमें से एक लड़की आरोही के रूम पार्टनर भी थी । उनलोगों ने आरोहो के बारे में दुसरे ड्राईवर और कुछ अन्य लोगों को हम दोनों के बारे में बता दी । और साथ ही उन सब मिलकर आरोही के साथ झगड़ा किया और उसे अपशब्द भी बोली । इससे आरोही को बहुत दुःख हुआ और उसने शाम में मुझे कॉल कर पूछी, “आप मुझे क्या-क्या खरीद कर दिए हो और अगर कुछ दिए भी हो तो बाहर के लोगों और दुसरे ड्राईवर को बोलने की क्या जरूरत थी ।”

“तुम्हे किसने बोला ये सब कि मैं बाहर के लोगों को तुम्हारे बारे में बात करता हूँ” मैंने पूछा ।

उसने दुसरे ड्राइवर के बारे में बतायी । जब मैने दुसरे ड्राईवर से कॉल कर ये सब पूछा तब उसने साफ़ मना कर दिया की मैंने एसा किसी को कुछ बोला हैं ।

 

मैंने आरोही से कॉल किया और उसी सही तरह से समझाया तब वह समझ गयी और हम दोनों फिर से नोर्मल हो गये ।

कुछ दिन बाद मैं उसके लिए एक गिफ्ट खरीद कर ले गया मगर उसने लेने से इंकार कर दी और बोली, “क्यों लेते हो आप ये सब?”

“बस दिल किया खरीद लिया तुम्हारे लिए” मैंने कहा ।

उसके बाद उसने वह गिफ्ट ले ली और खुश होकर वापस रूम पर चली गयी ।  अब सब कुछ अच्छा चल रहा था कि अचानक उसके कुछ लड़कियों दोस्तों ने हम-दोनों के बारे में फिर से कुछ बोली ।

उस दिन वह काफी गुस्सा में थी । और वह गुस्से में मेरे पास कॉल की और मुझ पर बरस पड़ी । मैंने उसको बोला, “ तुम टेंशन ना लो मैं फ्री होते ही उन लड़कियों और ड्राईवर से बात करता हूँ”

जब मैंने दुसरे ड्राईवर से बात किया तो उसने फिर वही बात बोला, “ मैंने कुछ नही कहा है आरोही को बल्कि दो अन्य लड़की ने उससे लड़ाई की है”

उस दिन के बाद आरोही मुझसे गुस्सा हो कर रहने लगी और बोल दी मुझे कभी कोई गिफ्ट मत देना । और दोस्त रहना है तो रह सकते हो ।

 

मैंने कहा, “ ओके , अब कुछ  नहीं दूंगा”  मुझे लगा अब सब कुछ पहले जैसा नोर्मल हो गया ।

मगर उस दिन वह मुझसे बिना बात  किये ही सो गयी ।अगले दिन वह जब ड्यूटी गयी तब भी कोई कॉल या msg नही की । मैं परेशान हो गया । जब मैंने उसे कॉल किया तब उसने रिसीव नही किया । और नही मेरे msg का कोई जबाब दी ।

अगले दिन उसकी रिप्लाई आया, “ मुझे नहीं रखनी दोस्ती आपसे । बस करो । अब मुझसे दूर रहो”

मुझे उसका यह मैसेज देख कर अजीब लगा,मुझे ऐसा लगा आरोही मजाक से बोल रही है । मैंने whatsapp पर उसे गुड मॉर्निंग विश किया मगर इस बार उसने कुछ भी रिप्लाई नही दी ।

“खाना खा ली मेरी प्रिन्सेसं” मैंने फिर दुबारा msg किया ।

“I don’t like it ” उसने जबाब दी ।

एक – दो दिनों तक आरोही ऐसे ही मुझे इग्ननोर करती रही । ना तो मेरा कॉल रिसीव करती थी और नही मेरे msg का जबाब देती थी ।

एक दिन उसे ड्यूटी से पिकअप करने मैं चला गया  और वहां मैंने उससे पूछा, “ ये सब क्यों कर रही हो? क्या दिक्कत हुआ?”

“कोई दिक्कत नही है” उसने जबाब दी ।

“तो फिर आज चलोगी मेरे साथ घुमने ?” मैंने पूछा ।

“नहीं”

मैंने कहा, “ एक दिन भी मेरे साथ नहीं जा सकती हो? ”

उसने गुस्से से कहा, “बोला ना, समझ में नही आ रही है?”

उस वक्त मुझे भी गुस्सा आ गया । मैंने बोला, “ क्यों कर रही हो ऐसा ? आखिर मैंने किया क्या हैं ?”

“मुझे बस तुम जैसे सेल्फिस लोगो से मतलब नही रखना है । मुझे अकेली छोड़ दो” उसने गुस्से में बोली ।

मुझे सेल्फिश सुनकर बहुत गुस्सा आ गया ।और गुस्से में बोल दिया, “ अगर मैं सेल्फिस होता तो तुम्हारे पीछे इतना समय , पैसा बर्बाद नही करता और नही कभी तुम्हे इतनी कीमती-कीमती गिफ्ट देता। और आज तुम मुझे सेल्फिस बोल रही हो। अगर मुझे तुम इतना ही सेल्फिस समझती हो तो तुम मेरा सारा चीजें वापस कर दो और साथ मे मेरा वक्त भी वापस कर दो ।”

 

शायद वह दिन हम दोनों की बातों का आखिरी दिन था । जिस लड़की के लिए मैं इतना कुछ करता था । उसकी हंसी मेरी खुशी बन गई थी । उसको ऐसा बोल दूंगा । कभी ऐसा सोचा नही था।

जब मैं अपने कमरे में आया तब मुझे बोली गयी अपने बातों पर शर्मिदगी महसूस होने लगा । मैंने उसे sorry लिख कर बहुत मैसेज किया मगर उसने माफ़ नही की ।  मेरे पास उसके कुछ पैसे बाकि थे तो उसने msg में रिप्लाई किया, “ मेरे पैसे मत देना तुम उसे अपने पास रख लो”

उस वक्त मुझे लगने लगा मैंने उसके लिए जो कुछ किया है आरोही उसकी कीमत दे रही है । तब मेरे मुंह से भी कुछ ऐसा शब्द निकल गई जो शायद नही निकलनी चाहिए थी ।

मैंने बोल , “सिर्फ ये पैसे क्यों ? सब वापस दे दो ।”

यह सुनकर उसे और हर्ट हुआ तब जाकर उसने बोली, “ मैं तीन-चार दिनों से तुमसे इसलिए सही से बात नही कर पा  रही थी क्योकि अगले महीने मेरे BF का शादी होने वाला हैं । और मैं इसके कारण ही बहुत परेशान रह रही थी मगर पता नही तुम्हे मेरे बारे में क्या सोच रहे हो और इतना झगड़ा कर रहे हो तुम ! ”  

   मुझे उसकी यह बात  सुनकर बहुत धक्का लगा। लेकिन जो बोल दिया वह कैसे वापस जाएं मुंह में ? उसके बाद में मैंने फिर से उसे कितना सॉरी सॉरी बोला ।मगर वह बिलकुल नहीं सुनी और नही मुझे माफ़ की ।

मैंने अपने हाथ को बचाकू से काट खून से sorry लिख कर उसे भेजा मगर फिर भी उसने माफ़ नही की ।  सिर्फ बोली, “ प्लीज ऐसा ना करो । अपना ख्याल रखो”

मैंने उसके बाद भी कई मैसेज किया । एक बार माफ कर दो ।

“ओके, माफ़ कर देती हूँ । बट आज के बाद हम दोनों में कोई रिश्ता नहीं होगा” आरोही का msg आया ।

मैं क्या बोलता उस टाइम । मैं सिर्फ चुप-चापरह गया ।  

 

“मैं ब्लॉक कर रही हूं” उसने दुबारा msg की ।

“ऐसा ना करो प्लीज । ड्यूटी तो मेरे साथ ही आती हो तुम फिर ऐसा करने की क्या जरूरत हैं?” मैं गीड़गीड़ाते हुए msg किया ।

उसके बाद वो ऑफलाइन हो गयी । मैंने अगले दिन  किसी से कुछ सुना उसके बारे में । वैसे वो सारी बातें  मैंने पहले भी सुना था । बट मैंने सोच रखा था उसका कल क्या था मुझे क्या करना । लोग जो बोलते है बोलने दो ।

मुझे व्हाट्सएप,फेसबुक, tik tok सब जगह से उसने ब्लॉक कर दिया ।  उस दिन मैंने उसके लिए इतना रोया बता नही सकता ।

उसमें मेरी बसी हुई थी । उसके जाने के बाद मैं बेजान सा हो गया हूँ ।  उसने 1 साल 3 महीने के रिश्ते को एक बात के लिए तोड़ दिया । शायद उसमें मेरी कोई गलती भी नही थी ।

मैं उसके लिए पल पल रोता रहता हूँ । मैं आज भी भगवान से प्रतिदिन हाथ जोड़ता हूं कि वो  मेरा  प्यार वापस आ जाए ।  मेरी दोस्त वापस आ जाए ।

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