वैसे मुझे लड़कियों में कुछ ज्यादा दिलचस्पी नही थी । लेकिन फिर भी उसे देख कर मेरे दिल में कुछ-कुछ हुआ। मगर वह प्यार तो नही हुआ था मैं यह दावे से कह सकता हूँ। हम लोग वहां से टाँगें (टमटम ) चढ़ कर राजगीर की ब्रह्म कुंड के पास पहुंच गयें। वहां पर हम लोगों ने गर्म पानी के कुण्ड में स्नान किया और फिर वहां से पहाड़ों के सैर करने चल पड़ा।
राजगीर के पहाड़ों से टकरा कर आती हवाएं , दिल को रोमांचित कर रहा था। अभिषेक अपनी गर्लफ्रेंड खुशबू के साथ व्यस्त हो गया था। वह कभी खुशबु के साथ सेल्फी लेेता तो कभी हाथ पकड़ कर आगे बढ़ता , और कभी उसके बालों को सहलाता तो कभी किसी एकांत पेड़ों की छांव में उसके होठों को चूमता। मगर इन सबों के बीच मैं और नेहा अकेले रह जाते थे।
मैं थोड़ा शर्मिला था जिसके वजह से किसी लड़की से जल्दी घुलमिल नही पाता था। जबकि नेहा बहुत ज्यादा फ्रेंकली थी। वह जल्द ही किसी के साथ घुलमिल जाती थी। और बकबक करने में तो सबको पीछे छोड़ ही देती थी।
हम चारों पहाड़ के सबसे ऊँची चोटी के करीब तक पहुंच चुके थे। धूप तो ज्यादा नहीं थी मगर फिर भी तेजी से पहाड़ चढ़ने के कारण हम लोग पसीने-पसीने हो गये थे । और प्यास भी लग चुकी थी। मैंने अपनी गर्दन दूसरी तरफ कर के देखा तो पहाड़ पर एक छोटी सी झोपड़ीनुमा दुकान था। जिसमें एक व्यक्ति कुछ सामान बेच रहा था।
मैं उनके पास गया वहां से खाने के लिए पकोड़े-चटनी और बिसलरी की चार बोतलें ले ली । नाश्ते के बाद हम लोगों ने पहाड़ की दूसरी छोर पर जाने लगा। इस बीच वहां पर एक बहुत ही सुंदर चबूतरे दिखी जिस पर हम सभी लोगों ने बैठकर बारी-बारी से फोटो खींचने लगें। उन सबों के बीच में मेरी फोन का कैमरा सबसे अच्चा था।
कैमरा अच्छा होना भी चाहिए था क्योंकि मेरे पास ओप्पो (Oppo) कैमरा फ़ोन थी। सब लोगों के फोटो खींचवाने का पसंद मेरा मोबाइल ही था। उस वक्त मुझे ऐसा लग रहा था, “ यार जिन्दगी में पहली दफ़ा ही हमने कोई काम की चीज खरीदा हैं वरना मम्मी तो हमेशा कहती रहती थी ,तुम एक नम्बर के बकलोल हो। तुम्हे कुछ खरीदना ही नही आता हैं ।”
“राजीव तुम अपने मोबाइल से मेरा फोटो खींच देना। प्लीज…।” नेहा ने मुझसे बोली।
इतनी देर के बाद नेहा पहली बार मुझसे बात की थी। मैं बिना कुछ जवाब दिए ही नेहा की फोटो क्लिक करना शुरू कर दिया। हम लोगों ने लगभग 200 से भी अधिक फोटो खींचे थे।
घुमने के बाद शाम को हमने साथ में नाश्ता किया उसके बाद पटना वापस आने वाली बस पर बैठने के निकल गया,उसी बीच नेहा ने मुझसे बोली ” राजीव तुम मेरा फोटो मुझे सेंड कर देना।”
“ओके” मैंने कहा।
“नोट कर लो मेरी whatsapp नम्बर ” नेहा नंबर देते हुए बोली ।
जिस वक्त नेहा मुझे अपना व्हाट्सएप नंबर दे रही थी। उस वक्त अभिषेक और खुशबू वहां पर नहीं थे। वे दोनों पटना जाने वाली बस का टाइम पूछ रहें थे।
फाइनली, हम तीनों ने बस पर जाकर बैठ गये। जो लगभग 20 मिनट बाद वहां से पटना के लिए रवाना होने वाली थी। बस पर बैठने के बाद नेहा हम लोगों से अलविदा लेकर अपनी हॉस्टल चली गई और हम लोग पटना।
मैं वापस पटना आ चूका था । अपने कमरे में आया और राजगीर में खिचीं गयी सभी फोटोज को मैंने नेहा को व्हाट्सएप कर दिया। इसके बदले में नेहा थैंक्स भी मुझे रिप्लाई की थी। मैंने भी उसके थैंक्स का रिप्लाई वेलकम लिखकर कर दिया था। उसके बाद हम लोग अपने अपने काम या यूं कहें सभी लोग अपने पढ़ाई में व्यस्त हो गये थे ।
फिर लगभग 1 सप्ताह बाद व्हाट्सएप पर नेहा के मैसेज आई ” हाय राजीव!”
नेहा के मैसेज देख कर मुझे ज्यादा खुशी नहीं हुई फिर भी मैंने भी “हेलो” लिखकर सेंड कर दिया।
मेरी इसी हेल्लो की वजह से हमदोनो के बीच बातचीत शुरू हो गयी। और इस तरह से राजगीर में साथ घूमने के एक सप्ताह बाद हम दोनों के बीच बात-चीत व्हाट्सएप पर शुरू हो गया था। कुछ दिनों तक तो नार्मल एक दोस्त जैसा बात-चीत हुआ । मगर कुछ दिनों बाद वह मुझसे अपने दिल के निजी बातें भी शेयर करने लगी थी। मैं भी उसे दोस्त से कुछ ज्यादा समझने लगा था मगर उस वक्त ऐसा नही लगता था कि मुझे उससे प्यार हो गया है।
अब उससे whatsapp मैसेज के अलावे कॉल पर घंटों बाते होने लगी थी । मगर इसके बारे में अभिषेक और खुशबू को कोई जानकारी नहीं थी। उसे यह मालूम नहीं था कि राजगीर के बाद हम दोनों एक दूसरे से व्हाट्सएप पर चैट और कॉल से बात-चीत करना शुरू कर दिए हैं।
इसी तरह से हम -दोनों लगभग एक से डेढ़ महीने तक बातचीत किया फिर एक दिन अचानक उसका ना तो कोई मैसेज आया और नहीं कॉल आया। उस दिन मुझे महसूस हुआ वह मेरे लिए खाश बन गयी है। उसके मैसेज बिना मेरा दिल नहीं लग रहा था। मैं उससे बात करने के लिए बेचैन था। मैं बार-बार अपने फोन को अनलॉक कर व्हाट्सएप मैसेज देखने की कोशिश कर रहा था।
इधर से कॉल करने पर उसका फोन ऑफ बता रहा था । उस रात मैंने खाना भी नहीं खाया। अभिषेक मुझसे पूछता रहा- ” यार! आज तुम्हें हुआ क्या है? इतनी सैड सैड क्यों लग रहे हो?”
मगर मैंने अभिषेक को नेहा के बारे में कुछ भी नही बताया। इसी तरह कर के मैंने वह रात काट ली। सुबह जैसे ही मैंने फ्रेश होने के लिए वॉशरूम जाने लगा उसी वक्त मेरे व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया।
यह मैसेज नेहा की थी। मैसेज देख कर मैं बहुत खुश हुआ। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बरसों से बिछड़ा हुआ प्यार मुझे मिल गया हो।
उसके बाद हमारी बातचीत फिर से शुरू हो गयी । नेहा ने बतायी उस रात उसका मोबाइल फोन किसी दोस्त के पार्टी में छूट गया था। जिसके कारण उसे अगले दिन वहां जाकर वापस फोन लाना पड़ा। मैंने भी नेहा को उससे बात ना होने की वजह से अपनी सारी दुख- दर्द उसे बता दिया। मैंने यह भी बता दिया कि तुमसे बात ना होने की वजह से कल रात मैंने खाना तक नहीं खाया हैं और पूरी रात तुम्हारे बारे में ही सोचता रहा , तुम्हे miss करता रहा।