Kya Yahi Pyar Hai। क्या यही प्यार है ? Episode – 03 स्कूल लव स्टोरी इन हिंदी

Author - Avinash Kumar

मेरी बात सुनकर नेहा बोली, ” यार ऐसे मत मिस किया करो वरना मुझे भी तुम्हें मिस करना पड़ेगा।”

 नेहा की ये बात सुनकर मैंने भी कहा, “तो तुम्हें मिस करने के लिए किसने मना किया है?”

उस दिन के बाद हम-दोनों के बीच  बात-चीत और ज्यादा बढ़ गयी थी। एक दिन मैंने अपने दोस्त अभिषेक को नेहा और अपने बारे में बताया, ” यार मैं नेहा को पसंद करने लगा हूं, मुझे  उससे प्यार हो गया है।”

” एक मिनट ! कहीं तुम खुशबु की फ्रेंड नेहा के बारे में तो नही बोल रहे हो ?” अभिषेक ने आश्चर्य होकर  बोला।

 “हां यार , मैं उसी के बारे में बात कर रहा हूँ।” मैंने कहा ।

 “अबे चुतिये ! उसका एक बॉयफ्रेंड भी है। और सुन उसका बॉयफ्रेंड एक बहुत बड़ी IT कम्पनी में जॉब करता है, साले जिस दिन यह बात उसका बॉयफ्रेंड जान जाएगा ना तुझे तेरे गां*** में गोली मारकर जाएगा।” अभिषेक ने थोड़ा तेज आवाज में बोला।

“अबे तो मैं क्या करूं? मैं थोड़ी ना उससे प्यार करने गया था। यार पता नहीं बात करते-करते कब उससे प्यार हो गया, कुछ पता ही नही चला।” मैंने कहा।

“यानी तुम अभी तक उसे प्रपोज नहीं किया है ? ” अभिषेक ने शक के नजरों से बोला।

“हां, अभी उसे प्रपोज नहीं किया हूँ।” मैंंन बोला।

“साले अगर प्रपोज ना किया है तो करना भी मत वरना ना घर के रहेगा ना घाट का।” उसने कहा।

“भाई, प्रपोज अगर नेहा ही कर दी तो ?” मैने बोला।

“देखो राजीव, मैं कुछ भी बोलूंगा वह तुम्हारे सही के लिए सही ही बोलूंगा। मैं उस लड़की को बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ। यार वह लड़की अच्छी नहीं है। मैं तो बस इतना ही कहूँगा की तुम उससे दूर रहो बाकी तुम्हारी मर्जी।” अभिषेक ने कहा।

“ठीक है,  यार आज के बाद मैं नेहा को कॉल या मैसेज नहीं करूंगा।” मैंने कहा।

उस दिन तो मैंने अभिषेक को बोल दिया था कि मैं अब कभी भी नेहा को मैसेज या कॉल नहीं करूंगा। लेकिन उसी शाम को जब नेहा के  मैसेज आया तो मैं खुद को रिप्लाई करने से नहीं रोक पाया।

मैं उसके हर मैसेज का रिप्लाई करता रहा और बातें करते-करते फिर अगले दिन नेहा ने ही मुझे प्रपोज कर दी। भाई मैं लड़का हूं और अगर इतनी सुंदर लड़की साक्षात भगवान को भी प्रपोज करेगी तो शायद भगवान भी इनकार नहीं कर पायेगें। मैं कैसे इनकार करता। और इनकार भी क्यों करता, मैं तो उसे पसंद करता था। यहां तक कि मैं ही उसे प्रपोज करने वाला था । यह तो भगवान के  कृपा हुई कि नेहा ने ही मुझे प्रपोज कर दी ।

मैंने बिना समय गवाएं नेहा का प्रपोजल कबूल किया और बदले में मैंने भी आई लव यू टू यू वेरी मच का रिप्लाई दिया। फिर हमारी बीच प्यार की ऐसी बॉन्डिंग बनने लगी कि अब अभिषेक को बिना बताए ही अपने घर जाने के  बहाने राजगीर जाकर नेहा से मिलने लगा।

कभी फैमिली रेस्टोरेंट तो कभी गीतांजलि रेस्टोरेंट। कभी गोदावरी तो कभी वृंदावन होटल । ना जाने कितने बार हम-दोनों ने एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड किये।

सब कुछ हमारे बीच अच्छा चल रहा था । फिर अचानक से मुझे ऐसा महसूस होने लगा कि नेहा मुझे अब कम भाव देने लगी है। पता नहीं इसका क्या कारण हो सकता था। मैंने इस बात को जानने की कोशिश किया फिर मुझे ऐसा लगने लगा , शायद अभिषेक सही कह रहा था। नेहा का  एक बॉयफ्रेंड है जो एक बहुत बड़ी IT कम्पनी में जॉब करता है । अब शायद उसी में कुछ ज्यादा ही इंवॉल्व रहने लगी है। 

जब मैंने नेहा को यह बात पूछी तो उसने बहुत आसानी से कबूल कर ली। 

” हां ,मेरा एक बॉयफ्रेंड है। उसका नाम  कुंदन है और वह एक बहुत बड़ी IT कम्पनी में जॉब करता है” नेहा बिना डर या बिना संकोच के बोली।

“अगर तुम्हारा पहले से ही बॉयफ्रेंड है तो फिर तुम मेरे साथ यह सब क्यों कर रही हो ?” मैंने नेहा से बोला।

 “यार राजीव तुम भी ना कैसी-कैसी  बात कर रहे हो! राजीव मैं तुम्हें पसंद करती हूं। हां मैं यह मानती हूँ कि मेरा बॉयफ्रेंड है और मैं उसके साथ भी रिलेशनशिप में हूं। लेकिन इसका मतलब ऐसा नही है कि  मैं तुम से प्यार नही करती हूँ। ” नेेहा बोली।

“नेहा तुम सिर्फ मुझे ही नही बल्की तुम अपने बाँयफ्रेंड कुन्दन को भी धोखा दे रही हो।” मैने थोड़ा गुस्से में बोला था।

“कुन्दन एक बहुत बड़ी IT कम्पनी में है, जिसके कारण उसे ज्यादा छुट्टी नही मिल पाती है और वह पीछले 6 महीने से मिलने नही आया था। उस अकेलेपन के कारण मैं तुम्हारे साथ आ गयी थी।”  नेहा इतना बोल कर अपनी बात खत्म की।

“नेहा तुम किसी की फीलिंग के साथ ऐसा कैसे  कर सकती  हो ?  तुमने मेरी फीलिंग को मजाक क्यों बनाया आखिर इसमें में मेरा क्या गलती थी ?” मैंने बोला । 

“यार मैं उस समय  खुद को कुछ दिनों से बहुत अकेला महसूस कर रही थी और इस अकेलेपन में मुझे तुम मिले और मैं तुम्हारे करीब आ गयी ” नेहा बोली ।

“तुमने अपनी स्वार्थ के लिए मुझे इस्तेमाल की , तुम एक नम्बर की  *****  हो।” मैंने गुस्से में बोला था ।

“राजीव! तमीज से बात करना , मैं अब तक चुप हूँ इसका मतलब यह नही की मैं तुम्हे जबाब नही दे सकती । और हाँ कान खोल कर सुन लो , मुझे तुम्हारे करीब आने से सिर्फ मुझे ही फायदा नही हुआ हैं बल्कि तुम्हे भी फायदा हुआ हैं। आखिर तुमने भी तो मेरे साथ इंजॉय किया हैं.और ये प्यार-व्यार का सेंटी ड्रामा बंद करो । एक लड़के को जो चाहिए वो मैंने तुम्हे दिया हैं।” इस बार नेहा अपनी ऊँगली मेरे तरह कर के बोली थी।

 उस वक्त मुझे खुद से घृणा हो गयी थी। आखिर मेरी पसंद इतनी गिरी हुई कैसे हो सकती हैं। मैंने एक ऐसी लड़की से प्यार किया जिसे प्यार क्या ? प्यार जैसे शब्द से भी कोई लेना देना नही था । उसने मुझसे प्यार सिर्फ अपनी अकेलेपन और जिस्म के भूख दूर करने के लिए की थी।

“देखो राजीव अगर तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारी फीलिंग के साथ खिलवाड़ की हूँ तो इसके लिए मैं क्षमा चाहती हूं। मगर यह कभी मत सोचना की मैं कुंदन से प्यार करती हूँ तो अब मैं तुम से प्यार नही करूंगी। अगर तुम्हें कभी भी मेरी जरूरत पड़े तो मुझे कॉल करना या फिर तुम कभी भी मेरे कमरे में आ सकते हो और हां जितना हक मेरी जिस्म पर मेरे बॉयफ्रेंड कुंदर का  है, उतना ही हक मेरे जिस्म पर तुम्हारा भी है। इसे तुम जब चाहो  इस्तेमाल कर सकते हो।” नेहा ये सारी बातें बहुत ही आसानी से कह गयी जैसे मानो यह कोई समान्य बात हो । 

उस वक्त मुझे गुस्सा कम और हैरत अधिक हो रहा था। आखिर कोई लड़की इतनी बेशर्म, बेहया कैसे हो सकती है।

“तो राजीव कल का क्या प्लान करते हो ? OYO (ओयो) से होटल के कमरा बुक करूं या फिर तुम्हारे रूम पर ही चली आऊं। लेकिन हां इस बार यार कंडोम मत लेकर आना। इस बार मैं तुझे महसूस करना चाहती हूं …….।

 नेहा को इससे आगे बोलने से पहले ही उसके गाल पर मैंने एक जोरदार थप्पड़  जड़ दिया।

“साली ,कुत्ती…  वैश्या वाली हरकत मेरे सामने मत करना। मैं तुझे एक अच्छी लड़की समझ कर प्यार किया था और तुम …… छी..छी… ।  मुझे तो अब तुम्हारे बारे में सोच कर भी घृणा आ रही  है” इतना बोल कर मैं वहां से चला गया।

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