मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि नेहा ऐसा कर सकती है लेकिन अभिषेक ने नेहा को कई बार आदित्या के साथ घूमते देखा था।
इसके बाद अभिषेक ने फिर से कहा, “एक दिन मेरे ही सामने नेहा के मोबाइल पर आदित्य के कॉल आया उस वक्त नेहा बाथरूम में थी जिसके वजह से उसका फोन मैंने रिसीव किया तो उससे बात हुई। उसकी बातों से मेरा शक यकीन में बदल गया और उसी दिन मैंने नेहा और आदित्या के Whatsapp chat पढ़ा, जिसे पढ़ने के बाद मेरा खून खौल उठा। उसके बाद मैंने आदित्या का नंबर लेकर अपने फ़ोन से कॉल किया और उसे मिलने के लिए बुलाया। उस दिन आदित्य ने मुझे सारी बातें बता दी। जब मैंने ये बात कन्फर्म करने के लिए नेहा से आदित्या के बारे में बात किया तो इस बात को वो भड़क गयी हम दोनों में झगड़ा हो गया और इस बात को लेकर उसने मुझे ब्रेकअप कर लिया।” अभिषेक इतना कहने के बाद चुप हो गया।
इस वक्त उसके आँखों से आंसू निकल कर कुछ बूंदें उसके गाल पर नीचे की तरफ टपक पड़ा।
मैंने अभिषेक की बात सुनकर कहा, “लेकिन नेहा तो अब किसी गर्ल्स हॉस्टल में रहती है।”
“हां, मगर हो सकता है अभी भी आदित्य और नेहा एक दूसरे के संपर्क में हो। वैसे भी आदित्य और नेहा राजगीर में ही रहते है। जब हम लोग पटना में रहकर राजगीर में रह रही नेहा से संपर्क में रह सकते हैं तो क्या आदित्य अपने शहर से शहर में ही संपर्क में नहीं रह सकता है?”
अभिषेक की बात में दम था मैं चुप रहा फिर अचानक बोल पड़ा।
“अच्छा तुमने अभी बोला कि तुम नेहा की मोबाइल से आदित्य का नंबर लिया था तो क्या अभी भी उसका नंबर तुम्हारे मोबाइल में है? अगर है तो उस पर कॉल करते हैं।” मैंने कहा।
मेरी बात सुनकर अभिषेक ने कहा, “हां यार नंबर तो मैंने लिया था और मेरे पास भी था। लेकिन इस मोबाइल में नहीं है वह मेरा पुराने वाला फोन में था जो फोन फिलहाल मेरा छोटा भाई यूज कर रहा है।”
“तो फिर अपने भाई से बात करके उसका नंबर निकाल कर मांगो।” मैंने उतावला होकर कहा।
अभिषेक ने अपना फोन निकाल कर तुरंत अपने भाई को कॉल किया मगर अफसोस उसके भाई ने बताया वह फोन लेने के अगले दिन ही फोन को रिसेट कर दिया था। जिसकी वजह से उसमें से सारा डाटा खत्म हो गया था। आदित्य से संपर्क करने का सिर्फ एक ही रास्ता था कि हम लोग पटना से एक बार फिर राजगीर जाए और आदित्य से जाकर मिले।
लेकिन वहां जाने से आदित्य मिल ही जाएगा इसकी कोई गारंटी नहीं थी।
मैं अभिषेक का मोबाइल अपने हाथों में लिया हुआ था और कांटेक्ट लिस्ट की ऊपर नीचे करके सभी कांटेक्ट को देख रहा था इसी बीच मैंने अभिषेक से बोला, “क्या तुम अपने भाई वाला मोबाइल में इसी ईमेल आईडी से लॉगिन कर रखा था जो इसमें लोगिन है? या फिर कोई दूसरी ईमेल आईडी थी?”
“नहीं यार वह दूसरी ईमेल आईडी थी, मैं जब नया फोन लिया था तो उसमें एक नया ईमेल आईडी बनाकर लॉगइन किया था।” अभिषेक ने सोचते हुए कहा।
“पुरानी वाली ईमेल आईडी याद है?” मैंने कहा।
अभिषेक ने दिमाग पर जोर डालते हुए बोला, “याद तो नहीं है लेकिन मोबाइल नंबर से ईमेल आईडी मुझे मिल जाएगी। मगर क्यों पूछ रहे हो पुराने ईमेल आईडी के बारे में?”
“देख भाई अधिकतर एंड्रॉयड फोन में जो नंबर सेव होता है वह मोबाइल के इंटरनल मेमोरी के साथ-साथ ईमेल आईडी के स्टोरेज पर भी सेव होता है। अगर तुम इसे दूसरे मोबाइल फोन में लॉगिन करोगे तो यह सारे नंबर उस फोन में भी आ जाएगा।”
मेरी बात सुनने के बाद अभिषेक के चेहरे पर एक अलग ही चमक दिखने लगा। उसे अब लगने लगा था कि यार मैं आदित्य का नंबर ढूढ़ लूंगा।
हम लोग वहां से वापस कमरे में आ गये और अभिषेक अपने सारे डॉक्यूमेंट को निकाल कर ईमेल आईडी खोजने लगा। उसने मुझे बताया था कि बिहार पुलिस के फार्म भरते समय उसी ईमेल आईडी का यूज किया था।
उस हिसाब से बिहार पुलिस के फार्म के प्रिंट आउट पर भी इमेल प्रिंटेड हो सकता था।
यह सोचकर हम लोग उसके फाइल से बिहार पुलिस वाले उस डॉक्यूमेंट को खोज रहे थे।
“यह देखो मिल गई ईमेल आईडी!” उसने प्रिंटआउट मुझे देते हुए कहा।
हमने उस ईमेल आईडी को अपने मोबाइल में लॉगिन करने लगा।
“इसकी पासवर्ड क्या है?” मैंने पूछा।
“भाई जब ईमेल आईडी याद नहीं रह सकता तो पासवर्ड कहां से याद रहेगा!”
उसकी बात सुनकर मैंने कहा, “ओके! मैं देखता हूं।”
हम दोनों ने ईमेल आईडी का पासवर्ड रिकवर कर लिया। अब ईमेल आईडी लॉगिन हो चुकी थी हम लोग स्क्रॉल करके नंबर ढूंढ रहे थे।
“यही नंबर है उसका। मिल गया यार!” अभिषेक खुश होते हुए कहा।
अभिषेक उसके नंबर को आदित्य बह*****द नाम से सेव कर रखा था। हमने उसका नंबर को डायल किया उसका नंबर बिजी आ रहा था।
“कमीना साला, नेहा से ही बात कर रहा होगा।” अभिषेक ने कहा।
जब हम लोगों ने दो-तीन मिनट बाद ट्राई किया तो कॉल लग गए थे
कॉल रिसीव करते ही आदित्य ने कहा, “साले तुम्हें मना किया था ना मेरे नंबर पर कॉल मत करना फिर कॉल क्यों कर रहा है?”
“चू***ये मुझे भी तुमसे बात करने में कोई इंटरेस्ट नहीं है। मैं तुमसे कुछ बातें पूछने के लिए कॉल कर रहा हूं।” अभिषेक भी ऊंची आवाज में बोला।
अभिषेक ने जितनी बात भी आदित्य से पूछा वह किसी का भी सही ढंग से कोई जवाब नहीं दिया। काफी टाइम बर्बाद करने के बाद अभिषेक ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
अब हम दोनों सोच रहे थे कि आखिर क्या किया जाए, जिससे मालूम पड़े की नेहा के पेट में पल रहा बच्चा आदित्य का ही है।
मैंने अभिषेक से कहा, “यार अभिषेक, मान लो कि वह बच्चा आदित्य का रहा भी तो वह हम लोगों को क्यों बतायेगा कि ये बच्चा उसी का है? वह क्यों चाहेगा कि इस लफड़े में पड़े?”
अभिषेक ने अपनी सहमति देते हुए कहा, “बात तो तुम्हारी सही है राजीव।”
हम दोनों ने काफी सोच विचार के बाद आदित्य के बारे में कुंदन को जानकारी दे दिया।
जब कुंदन को आदित्य के बारे में मालूम पड़ा तो उसे भी खुद पर गिल्टी महसूस होने लगा। वह सोच रहा था कि आखिर किस टाइप की लड़की के चक्कर में वह पड़ गया था।