Kya Yahi Pyar Hai। क्या यही प्यार है ? Episode – 09 स्कूल लव स्टोरी इन हिंदी

Author - Avinash Kumar

नेहा के बारे में सब कुछ जानने के बाद कुंदन ने हम लोगों को एक साथ राजगीर मिलने के लिए बुलाया। उसने  हमें बताया था हम लोग बैठ करके इस पर डिस्कस करेंगे क्या करना है और क्या नही। 

कुंदन ने अभिषेक से  आदित्य का मोबाइल नंबर मांग लिया था और उसने कहा, “इससे मैं समझूंगा। तुम कल राजगीर बस स्टैंड के पीछे वाली ग्राउंड में मिलो।”

अगले दिन हम सब यानी मैं, अभिषेक ,आदित्य और कुंदन बस स्टैंड के पीछे वाले ग्राउंड में बैठे थे।

“तुम्हारा कहना है अब तुम्हारे और नेहा के बीच में कोई संबंध नहीं है।” कुंदन ने आदित्य से पूछा। 

“मैं सच बोल रहा हूं पिछले एक साल से उससे मेरी बात नहीं हुई है। हम दोनों के बीच से सभी रिश्ता खत्म हो चुका है।  जब से वह मेरे बिल्डिंग से कमरा खाली कर गर्ल्स हॉस्टल में शिफ्ट हुई है तब से हम दोनों के रिश्ते खराब हो गये है और हमारी ब्रेकअप भी उसी समय के आसपास हो गयी थी।” आदित्य ने अपनी सफाई देते हुए कहा। 

“बेटा ऐसा भी तो हो सकता है ब्रेकअप होने के बाद भी कभी-कभी माफी मांगने के लिए दोनों किसी होटल में रात बिताते होंगे।” मैं थोड़ा व्यंग्य रूप में बोला। 

“नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। हां, जब वो मेरे बिल्डिंग में रहती थी तो सप्ताह के 3 से 4 रातें उसके कमरे में ही मेरी बीतती थी. लेकिन अब उससे बात तक नहीं हो पाती है।” आदित्य ने कहा।

“देखो आदित्य मैं एक बहुत बड़ी IT कम्पनी में हूं।  अब तक मैं तमीज से बात कर रहा था। मैंने अभी तक किसी से थोड़ी सी भी रूडली बात नहीं किया अगर मेरा दिमाग खराब हुआ ना तो फिर तुम लोग सोच लेना। मैं बस इतना ही चाहता हूं कि उस लड़की को मेरी जिंदगी से दूर करो। वह मेरे फैमिली वालों को और मेरे पर शादी करने का दबाव बना रखी है पर मैं ऐसी लड़की से कभी भी शादी नहीं कर सकता। जिसका सप्ताह के तीन से चार रातें तुम्हारे साथ गुजरता हूं। देखो मुझे किसी बात की कोई दिक्कत नहीं है। उसने मेरे साथ चीटिंग की या फिर कुछ भी किया हो मैं चाहता हूं वह जिसका बच्चा है, जिससे वह प्यार करती है वो उसे अपना लो  और उससे ब्याह करो और मुझे इन सब चीजों से दूर रखो। यार! मैं एक अच्छे फैमिली से बिलोंग  करता हूं।” कुंदन ने  कड़वे शब्द से शुरुआत की और अंत होते-होते मुलायम आवाज में बोला।

 

“मैं आप लोग को कैसे समझाऊं? मेरा और नेहा के बीच अब कुछ भी नहीं है।” आदित्य ने कहा। 

 

“भो***ड़ी के तुम बोल रहे हो तुम्हारे और  नेहा के बीच कुछ नहीं है। राजीव बोल रहा है कुछ नहीं है, अभिषेक बोल रहा है उसके बीच में भी कुछ नहीं है और मैं जानता हूं कि हमारे बीच 7 -8 महीने से फोन पर बात करने के अलावा एक मिनट के लिए भी एक दूसरे से नहीं मिले हैं तो फिर वह प्रेग्नेंट कैसे हुई?” इस बार कुंदन तेज आवाज में बोला था।

 

“ऐसा भी तो हो सकता है उसका कोई और भी बॉयफ्रेंड हो। हम लोगों के आलावे किसी और के साथ भी गुलछड़े उड़ाती होगी।” मैं थोड़ा धीमी आवाज़ में बोला। 

इस बार कुंदन गुस्से से मेरी तरफ देखा लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।

आदित्य पहले से कुछ सोच रहा था फिर अचानक वह मेडिकल रिपोर्ट वाली फोटो देखने के लिए मांगा।

हम लोगों ने उसे घुर कर देखा फिर मैंने सोचा, “ यार इसे क्या हुआ? बार-बार मेडिकल रिपोर्ट क्यों  मांग रहा है?”

 कुंदन ने आदित्या को देखते हुए कहा, “अब उसमें क्या देखना है तुम्हें?”

इतना कह कर कुंदन ने अपना मोबाइल निकाल कर मेडिकल रिपोर्ट की फोटो दिखाया, फोटो देखते वक्त आदित्य कुछ ज्यादा है जासूस जैसा लग रहा था।

“भाई मुझे लगता है ना यह मेडिकल रिपोर्ट गलत है। देखो मैं जितने भी मेडिकल रिपोर्ट को देखा हूं उसके नीचे डॉक्टर का या फिर लैब का हस्ताक्षर जरूर होता है। इसमें न तो कोई मोहर है और नहीं उस लैब के डॉक्टर का हस्ताक्षर है।” आदित्य ने समझाते हुए बोला। 

“साले तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं है? भला कोई लड़की खुद को प्रेग्नेंट बताने की कोशिश क्यों करेगी।” मैंने बोला। 

“हो सकता है कुंदन की फैमिली इस रिश्ते से नाखुश हो, शायद कुंदन को और इसकी फैमिली को ब्लैकमेल करके शादी करने की कोशिश के लिए ऐसा कर रही होगी।” अभिषेक ने बोला। 

अभिषेक की बातों में दम था मैं चुप रहा और हम सभी लोग कुंदन की तरफ देखने लगे। 

“चू***ये हो तुम लोग, अगर यह रिपोर्ट गलत रहता तो फिर हम लोग जब डॉक्टर से मिलने गये थे तो डॉक्टर ने क्यों  बताया कि वह प्रेग्नेंट है और नेहा के साथ राजीव भी तो उस हॉस्पिटल में गया था।” कुंदन ने चिढ़ते हुए बोला। 

“जहां तक मैं जानता हूं वह डॉक्टर नेहा की फ्रेंड का जीजा है। नेहा ने अपने फ्रेंड को बोल कर वह अपने जीजा से झूठ बोलकर यह सारी चीजें करवाई हो, ऐसा भी तो हो सकता है।” आदित्य की बात सब की बातों को दबाने के लिए काफी था। 

कुंदन, अभिषेक और मैं चुप रहा फिर अभिषेक ने बोला, “तो फिर हम लोग सच्चाई कैसे पता कर सकते हैं? फिर चलो डॉक्टर के पास।”

“इसकी जिम्मेवारी मुझ पर छोड़ दो। उस क्लिनिक में मेरा एक दोस्त काम करता है। मैं उससे कॉल करके पूछ सकता हूं।” आदित्य ने बोला। 

आदित्य की बात सुनकर हम सभी की सहमति बना और हम लोग उस मेडिकल रिपोर्ट की वेरीफाई करने की कोशिश करने लगे। आदित्य ने अपनी पॉकेट से रेडमी नोट 4 का हैंडसेट निकाला और अपने दोस्त को कॉल किया।

“बोल क****ने, बहुत दिन बाद याद किया। कैसा है?” उसके दोस्त ने फोन उठाते ही बोला। 

“भाई तुमसे एक हेल्प चाहिए थी। यहां हमारी जिंदगी की झंड लगी पड़ी है।”

“साले मेरे रहते हुए तुम्हें किस बात की दिक्कत है। बोल तुम्हें कैसी हेल्प चाहिए?” आदित्य के दोस्त ने बोला। 

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