Author - Avinash Kumar
आदित्य ने अपने दोस्त से उस मेडिकल रिपोर्ट के बारे में बात किया उसके दोस्त ने कहा, “वह रिपोर्ट ओरिजिनल है या नहीं, इसका पता लगाना मेरे लिए बहुत आसान है। अगर वह मेडिकल रिपोर्ट ओरिजिनल होगा तो उसका डाटा हमारी हॉस्पिटल के डेटाबेस में जरूर मिल जाएगा क्योंकि उस डेटाबेस में सिर्फ ओरिजिनल डाटा ही सबमिट किया जाता है या फिर रखा जाता है। तुम मुझे उस मेडिकल रिपोर्ट का सीरियल नंबर दो।”
“HCN014622020 है इसका सीरियल नंबर।” आदित्य ने मेडिकल रिपोर्ट के सीरियल नंबर देखते हुए बोला।
“हां भाई इस सीरियल नंबर से डेटाबेस में मेडिकल रिपोर्ट है। यह किसी प्रेगनेंसी टेस्ट का मेडिकल रिपोर्ट है।” उसके दोस्त ने जवाब दिया. यह सुनकर हम चारों के चेहरे उदास हो गये.
“भाई उस टेस्ट में इसका रिपोर्ट पॉजिटिव या नेगेटिव है?” आदित्या ने रोनी सी आवाज में बोला।
“भाई जिस महिला का यह रिपोर्ट है। वह प्रेग्नेंट है।” उसके दोस्त ने कहा।
यह सुनकर हम सभी को ऐसा लगा जैसे हम लोगों को सांप सूंघ गया हो, हम सभी के आँखों के सामने अंधेरा छा गया।
हम लोग कुछ सोच रहे थे कि इसी बीच कुंदन ने बोला, “अपने दोस्त से पूछो उस मेडिकल रिपोर्ट पर किसका नाम लिखा हुआ है? किस नाम से रिपोर्ट बना है?”
कुंदन के कहे अनुसार आदित्य ने रिपोर्ट में लिखे नाम अपने दोस्त से पूछा, “भाई , रिपोर्ट में पेशेंट का नाम क्या है?”
आदित्या की बात सुनकर उसके दोस्त ने कहा, “चमेली देवी, पति शशिकांत मिश्रा गांव दनपुरा, जिला नालंदा उसने उस मेडिकल रिपोर्ट पर छपे सारे डिटेल्स को एक ही सांस में बोल दिया।”
“क्या? फिर से बोलना उस महिला का नाम, क्या नाम तुमने बताया?” आदित्य ने चौक कर बोला।
“चमेली देवी।” उसके दोस्त ने थोड़ा जोर से बोला।
आदित्या ने कहा, “ और उसकी उम्र बताना।”
उसके दोस्त ने कहा, “33 वर्ष।”
“भाई, तुम जो डाटा बता रहे हो वह हमारे मेडिकल रिपोर्ट के डाटा से अलग है। इसमें नाम कुछ और लिखा हुआ है और तुम बता कुछ और रहे हो। ऐसा कैसे हो सकता है?”
“हो सकता है लड़की ने अपना नाम बदलकर डॉक्टर को जानकारी दी होगी।” उसके दोस्त ने बोला।
“लेकिन भाई प्रिंट आउट में भी तो वही नाम होना चाहिए था जो नाम बदलकर वहां पर बताई गयी होगी। यहां तो प्रिंट आउट में उसका ओरिजिनल नाम लिखा हुआ है।”
“मुझे लगता है तुम्हारे हाथ में जो रिपोर्ट है वह नकली रिपोर्ट है। शायद सीरियल नम्बर छोड़कर पेशेंट का नाम चेंज कर दिया है।” आदित्या के दोस्त ने कहा।
“हां हां यह बात सही हो सकती है। चमेली देवी की रिपोर्ट में अगर कोई कांटेक्ट नंबर हो तो देना।” मैंने कहा।
कुछ देर बाद ही हम लोगों के पास चमेली देवी का मोबाइल नंबर आ चुका था हम लोग उसी वक्त चमेली देवी को कॉल लगाया।
चमेली देवी ने हमलोगों को बाताया, “मेरी शादी के 10-12 वर्ष हो चुके थे लेकिन अब तक मेरा कोई बच्चा नहीं हुआ था लेकिन इस बार उसका बच्चा मुश्किल से पेट में है।”
उसके घरवालों को यकीन नहीं था इसलिए उसने प्रेगनेंसी टेस्ट करवाई थी। वह काफी खुश नजर आ रही थी।
अब हम चारों के समझ में आ चुकी थी कि यह मेडिकल रिपोर्ट गलत है। अगर ये गलत है तो फिर डॉक्टर ने उसे क्यों दिया?
यह जानने के लिए हम लोग डॉक्टर के पास पहुंच गए। डॉक्टर अपने चैम्बर में बैठा था। उसके चेंबर में बड़े-बड़े दो कैलेंडर लगे थे जिसमें मानव शरीर के सिर्फ हड्डियां दिख रही थी उसके बगल में एक छोटा सा फ्रेम फोटो था जिसमें छोटे बच्चे बैठा था और उसके ठीक सामने दूसरा फ्रेम लगा हुआ था। जिसमें डॉक्टर को भगवान का विशेष दूत बताया गया था
“यह रिपोर्ट आप ही के लैब का है ना?” आदित्य ने रिपोर्ट की फोटो दिखाते हुए पूछा।
“हां, मेरा ही हॉस्पिटल का रिकॉर्ड है।” डॉक्टर ने कहा।
जब आदित्य ने इस रिपोर्ट को नकली बताया तो वह भड़क गया लेकिन हम लोगों ने उसकी मेन नस पकड़ रखी थी।
मैंने उसे हॉस्पिटल के डेटाबेस में रिपोर्ट का सीरियल नंबर सर्च करने के लिए बोला। मगर वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ फिर हम लोगों ने उसे पुलिस की धमकी दी तब जाकर उसने सच सच सारी बातें बताया।
“हां, यह नकली रिपोर्ट है। मैंने नेहा के कहने पर ही उसे बना कर दिया था। नेहा हमारी छोटी साली की फ्रेंड है कुछ दिन पहले उसका कॉल आया था उसने बताया कि उसे किसी लड़के से शादी करना है। मगर उसके घर वाले इसके लिए तैयार नहीं है फिर उसके रिक्वेस्ट पर हमने यह नकली रिपोर्ट तैयार किया था। मुझे माफ कर दो प्लीज पुलिस को इसकी जानकारी मत देना, नहीं तो हमारी हॉस्पिटल और हमारी लाइसेंस जप्त कर ली जाएगी और मुझे 5 से 10 साल के लिए जेल भी जाना पड़ जाएग। प्लीज मुझे माफ कर दो।” डॉक्टर ने लगभग रोते हुए बोला।
डॉक्टर को उस तरह रोता देख हमने उसे छोड़ दिया और उसी दिन शाम के 4:00 बजे हम सभी ने नेहा को बस स्टैंड के पीछे वाले मैदान में में मिलने के लिए बुलाया। हालाँकि फ़ोन कुंदन ने ही किया था नेहा को।
शाम में हम चारो नेहा के साथ एक ऊंचे से पत्थर पर बैठे थे। नेहा जब हम चारों को एक साथ देखी तब वो समझ गयी थी कि कुछ गड़बड़ है और साथ ही वो डर भी गयी थी लेकिन आने के बाद अचानक वो ऐसे वापस जा नहीं सकती थी इसलिए वो हम लोगों के साथ ही बैठ गयी।
कुंदन के हाथ में उस नकली रिपोर्ट को देख कर नेहा समझ गयी कि ये लोग एक साथ यहाँ क्यों इकठे हुए है।
“नेहा मैं तुमसे इतना प्यार करता था फिर भी तुमने मेरे साथ धोखा क्यों किया? एक साथ तुमने इतने लड़कों के साथ रिलेशन रखा। मुझे तुम्हारी शक्ल से भी नफरत हो गई है।” नेहा को कुंदन ने एक थप्पड़ जड़ते हुए कहा।
“इतने लोगों के साथ में एक साथ रिलेशनशिप में नहीं थी। हां, मैंने पहले कई गलतियां की थी। आदित्य ,अभिषेक से ब्रेकअप करने के बाद मैं तुमसे सच्चा प्यार करने लगी थी और मैं तुम से ही शादी करना चाहती थी। नेहा ने बिलखते हुए बोली।
“झूठ मत बोलो। तुम मेरे साथ और राजीव के साथ एक ही time में रिलेशनशिप में थी तुम।” कुंदन ने कहा।
कुंदन की बात सुनकर नेहा ने कुछ नहीं बोली , वो सिर्फ रोती रही।
नेहा को इस तरह रोता देख मैंने भी कहा, “अगर तुम कुंदन के साथ रिलेशनशिप में थी तो फिर तुमने मुझसे प्यार क्यों की ? मेरी जिंदगी अच्छे से गुजर रही थी। मैं अपनी पढ़ाई में मग्न था सरकारी नौकरी कर अपने मां-बाप का सपना पूरा करना चाहता था लेकिन तुमने उन सपनों को चकनाचूर कर दिया।”
“अगर मैंने तुम्हें प्रपोज की थी तो तुम तो भी तो मना कर सकते थे। आखिर तुमने मना क्यों नहीं किया?” नेहा ने इस बार मुझे बोली।
“बहुत सारे लड़के कितनी लड़कियों को प्रपोज करने के बाद भी उसे किसी का प्यार नसीब नहीं होता है। मगर मुझे बिना किसी को प्रपोज किए हुए ही सामने से कोई प्यार करने के लिए आई हो तो मैं मना कैसे कर सकता था?” मैंने थोड़ी धीमी आवाज में बोला।
“अगर तुम मुझसे ब्रेकअप कर के राजीव के साथ जाती तो मुझे उतना दुःख नही होता, मगर एक साथ में दो दो लोगों के साथ क्यों खेला खेल रही थी? और यह तुम्हारा प्रेग्नेंट वाली ड्रामा क्या है ?” कुंदन ने बोला।
नेहा रोती हुई बोली, “यह सब करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं जो कर रही थी वो बहुत गलत कर है और कुंदन मैं तुझे नहीं खोना चाहती थी। मगर तुम्हारे फैमिली दहेज के चक्कर में मुझे एक्सेप्ट नहीं करना चाह रहे थे इसलिए मैंने प्रेग्नेंट का ड्रामा करने का प्लान बनाया था ताकि तुम विवश होकर मुझसे शादी करो। मैं तुझे नहीं खोना चाहती थी।” नेहा ने रोते हुए बोली।
राजीव ने नेहा को देखते हुए बोला, “मगर कुंदन ने तो मुझे बताया था कि उसकी फैमिली शादी के लिए तैयार थे फिर तुमने यह नाटक क्यों करना चाहती थी?”
नेहा ने कुंदन को देखते हुए बोला, “ यह फेक मेडिकल रिपोर्ट मैंने उस वक्त बनवाई थी जब कुंदन के घर वाले शादी के लिए नहीं मान रहे थे। लेकिन जब रिपोर्ट मैंने बनवा ली उसके अगले दिन ही कुंदन ने मुझे बताया कि उसके घर वाले शादी के लिए तैयार है। फिर मैं उस मेडिकल रिपोर्ट को ऐसे ही छोड़ दिया। मुझे लगा अब सब कुछ ठीक हो गया है और वह मेडिकल रिपोर्ट मेंरे रूम में ऐसे ही पड़े रहे और एक दिन कुंदन मेरे रूम में आया तो उसे वो दिख गया उसके बाद इतने सारे बवाल हो गये।”
कुंदन ने नेहा को देख कर गुस्से में बोला, “अब कितना झूठ बोलेगी? मैं तो तुम्हारे लिए अपने घर वालों को भी छोड़ने के लिए तैयार था। कोर्ट मैरिज करने के लिए भी तैयार था और तुम बोलती हो मुझे खोने से डरती थी। यह सच नहीं है नेहा, सच यह है कि तुम सबके साथ मौज चाहती थी और हमारे पैसे पर राज करना चाहती थी। मुझे खुद पर घृणा आ रहा है कि मैंने तुम जैसी लड़की से सच्चा प्यार किया। चले जाओ मेरे नजरों से दूर!”
इतना बोल कर कुंदन ने उसे एक थप्पड़ और जड़ दिया। नेहा वहीं पर बैठकर रोने लगी और हम चारों वहां से चले गये।
4 महीने बाद
कुंदन उसके अगले दिन ही ड्यूटी पर चला गया था और फिर दोबारा चार महीने बाद अपने वापस आया था। आने के बाद हम चारों को कॉल किया और हम सभी को मिलने के लिए बुलाया।
उस आखिरी दिन के बाद हम चारों एक अच्छे दोस्त बन गए थे यहां तक कि उस दिन के बाद हम लोगों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बन गया था। जिसमें हम चार लोग थे और अपनी जिंदगी की हर छोटी-मोटी खुशी उस ग्रुप में बांटा करते थे।
जब वह 4 महीने बाद अपने घर आया तो हम लोगों को एक बार राजगीर आने का न्योता दिया दिया था।
इस बार हम लोग राज्य के सबसे ऊंचे पहाड़ की चोटी पर बैठे थे। हम चारों के हाथ में एक एक एक कोल्ड ड्रिंक थी और हम लोग पी रहे थे। उस ऊंची चोटी से राजगीर का नजारा देख रहे थे।
पिछली बार जब हम चारों की मुलाकात हुई थी तो हम बहुत परेशान थे। इस बार हम साथ में बैठकर अपनी किस्से सुना रहे थे।
अब हम लोगों की जिंदगी किसी के लिए खाली नहीं थी। अब हम लोग बहुत खुश थे। हम लोगों की कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी फिर भी हमारी जिंदगी मौज में कट रही थी। सब अपने अपने कैरियर पर फोकस कर रखे थे।
हम लोग कुछ बात करते इससे पहले ही अभिषेक के मोबाइल पर कॉल आया। नंबर अननोन था मगर ट्रूकॉलर ‘खुशबू’ नाम शो कर रहा था।
कॉल आने के बाद हम तीनों ने अभिषेक को एक साथ घूर कर देखा। हम लोगों को अपनी तरफ देखता देखा अभिषेक ने कहा , “भाई हम निठल्ले जरूर है लेकिन चूतिये नहीं।”
इतना बोलकर अभिषेक अपनी रेडमी नोट 4 फोन उठाकर पहाड़ से नीचे फेंक दिया और हम सब चारों हंसने लगे।
Series Completed
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